चतुर्थ नानाजी स्मृति व्याख्यान का आयोजन नई दिल्ली में
Source: VSK-ENG Date: 19 Mar 2014 15:18:56 |
नई दिल्ली 19 मार्च: नानाजी स्मृति व्याख्यान का समय आ गया है. राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख द्वारा प्रतिपादित समाज जीवन के विभिन्न विषयों का स्मरण करने, वर्तमान काल में उनके महत्व व प्रासंगिकता को समझने तथा उनका अनुसरण करने का पिछले तीन वर्षों में हम देश के नामी चिंतकों द्वारा नानाजी द्वारा प्रतिपादित विशिष्ट विषयों की व्याख्या सुन चुके हैं.
नानाजी देशमुख तत्कालीन सरसंघचालक श्री सुदर्शनजी साथ में श्री मोहन भागवत तत्कालीन सरकार्यवाह (फाइल फोटो)
देश की प्रगति के लिए नानाजी विवाद-मुक्त गांवों पर विशेष बल दिया करते थे. उनका मानना था कि देश की प्रगति के लिए सर्वप्रथम गांवों का समृद्ध होना आवश्यक है और गांवों की समृद्ध के लिए अनिवार्य है उनका विवाद-मुक्त होना. चूंकि नानाजी सरकारी से ज्यादा शक्तिशाली समाज के पक्षधर थे, उनका मानना था कि इन विवादों को गांव के स्तर पर ही सुलझा लेना चाहिए. उन्होंने इस विषय की सिर्फ सैद्धांतिक स्तर पर ही वकालत नहीं की, बल्कि उसे व्यवहारिक धरातल पर उतारा भी . आज उनकी कर्मस्थली चित्रकूट के आसपास के पांच सौ गांव अगर खुशहाली की ओर अग्रसर हैं तो उनमें उनके विवाद-मुक्त होने का एक बहुत बड़ा योगदान है.
चतुर्थ नानाजी स्मृति व्याख्यान निम्न विषय पर आधारित होगा:
विवाद-मुक्त गांव: विकास के सोपान
व्याख्यानकर्ता हैं: प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक व न्यायविद्, मुंबई उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डा. चंद्रशेखर धर्माधिकारी.
दिनांक, रविवार, 13 अप्रैल, 2014. स्थान – दीनदयाल शोध संस्थान, 7ई, झंडेवाला एक्सटेंशन, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली- 110055. प्रातः – 11 बजे
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