Wednesday, April 15, 2015

संविधान निर्माता ही नहीं, समाज सुधारक व देशभक्त भी थे डॉ आंबेडकर – किस्मत कुमार

शिमला (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह किस्मत कुमार ने कहा कि एक मनुष्य का जन्म कभी भी उसके अपने हाथ में नहीं होता. उसके जन्म के साथ ही कुल, जाति और समाज उसके साथ जुड जाता है. कालांतर में यदि समाज कदम-कदम पर जातिगत स्तर पर भेदभाव करता है तो वह समाज के प्रति विरोधी हो जाता है. लेकिन डॉ आंबेडकर का जीवन वह उदाहरण है जो स्वयं को जलाकर मान-सम्मान की चिंता किए बगैर समाज में फैली छूआछूत व कुरितियों को मिटाने का भरसक प्रयास करते है.
वह सरस्वती विद्या मंदिर विकासनगर हिमरश्मि परिसर में पांचजन्य और आर्गेनाईजर के 200 पृष्ठों के संग्रहणीय अंक के विमोचन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि समाज में फैली छुआछूत के कारण बाबा साहेब को बहुत अपमान झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपना धैर्य न खोकर शिक्षा ग्रहण की और दुनिया के महान लोकतंत्र की गाथा अपने हाथों से लिखी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना से ही अस्पृष्यता के खिलाफ संघर्ष करता आ रहा है. हमारे धर्मग्रंथों में अस्पृष्यता जैसे किसी तरह के भेदभाव को कोई स्थान नहीं है और हिन्दू समाज प्रतिदिन प्राणी में सदभावना और विश्व के कल्याण का संकल्प लेता है, समाज में जन्म अर्थात जातिगत आधार पर हो रहे भेदभाव ने हिन्दू समाज को तो़ड़ने का काम किया है. बाबा साहेब को देश में अभी तक एक संविधान निर्माता के तौर पर तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के नेता के रूप में ही देखा जाता रहा है, लेकिन वह इससे कहीं ऊपर और प्रेरणा दायक व्यक्तित्व है.
hamirpurबतौर मुख्य अतिथि सेवानिवृत जिला सत्र न्यायाधीश जेएल गुप्ता ने कहा कि आज तक वह डॉ भीम राव आंबेडकर को एक संविधान निर्माण कमेटी के चेयरमैन के तौर पर ही जानते थे, लेकिन अब से वह उन्हें एक समाज सुधारक और देशभक्त के तौर पर भी सम्मान देंगे. बतौर विशिष्ट अतिथि दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की साध्वी रुकमणी ने कहा कि सभी महानुभावों को बाबा साहेब के जीवन पर चलने का आवाहन् किया.
जिला हमीरपुर में भी संग्रहणीय विशेषांक का विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का आयोजन टाउन हाल में किया गया था, कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की.

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