Friday, April 24, 2015

डॉ आंबेडकर मानवता, बंधुत्व के प्रबल समर्थक थे – राज्यपाल राम नाईक


लखनऊ (विसंकें). उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर दलितों के ही नहीं पूरे राष्ट्र के नेता थे. उनके श्रेष्ठ व्यक्तित्व को देश के सामने लाना समय की आवश्यकता है. वह श्रीरामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय सभागार में पाञ्चजन्य (साप्ताहिक) के भारतरत्न पूज्य डॉ आंबेडकर विशेषांक का विमोचन करते हुये कही. उन्होंने विशेषांक की अधिकृत और प्रामाणिक जानकारी की सराहना की और कहा कि डॉ आंबेडकर का जीवन संघर्ष पूर्ण था. उन्होंने देश के लिए बहुत कुछ सहा और उनमें सत्ता मोह बिलकुल नहीं था. इसलिए प्रधानमंत्री से मतभेद होने पर उन्होंने मंत्रीपद से इस्तीफ़ा दे दिया था. उनके द्वारा बनाया गया संविधान समय की कसौटी पर उत्तीर्ण हो गया है. वे समानता, बंधुत्व और संसदीय परम्पराओं के प्रबल समर्थक थे.
राष्ट्रीय विचार अभियान लखनऊ द्वारा भारतरत्न डॉ भीमराव आंबेडकर की सामाजिक दृष्टि एवं आधुनिक भारत” विषय पर आयोजित संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि विजय कुमार ने डॉ आंबेडकर के कष्टपूर्ण, उपेक्षित जीवन की चर्चा करते हुये कहा कि संविधान निर्माता डॉ आंबेडकर का आंकलन बहुत कम हुआ है, उनकी दूर दृष्टि और राष्ट्र भक्ति की जानकारी देश को देने के लिए पाञ्चजन्य और आर्गेनाइजर ने विशेषांक निकाला है.
DSC_7243अभियान के संरक्षक प्रभुनारायण ने कहा कि डॉ आंबेडकर भारत की सनातन परंपरा में मील के पत्थर हैं. उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को एक आयामी बनाने का षड्यन्त्र किया गया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामस्वरूप मेमोरियल विवि के कुलाधिपति पंकज अग्रवाल, स्वागत ललित कुमार श्रीवास्तव और संचालन जयवीर सिंह ने किया. इस अवसर पर डॉ अम्बेडकर पर ही भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत व सम्मानित किया गया.

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