नई दिल्ली – सरकार ने हाई-प्रोफाइल प्राइवेट फंडिंग एजेंसी फोर्ड फाउंडेशन को गुरुवार को ‘वॉच लिस्ट’ में डाल दिया। इसका अर्थ यह है कि भारत में इसकी हर फंडिंग की गृह मंत्रालय जांच करेगा और उसके बाद ही रकम के उपयोग की इजाजत दी जाएगी। तीस्ता सीतलवाड के अलावा फोर्ड फाउंडेशन से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एनजीओ कबीर को भी फंडिंग हुई है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि ‘राष्ट्रीय हित और सुरक्षा’ के मद्देनजर अमेरिका के इस फाउंडेशन को वॉच लिस्ट में रखा जा रहा है। इस आदेश पर मंत्रालय के अंडर-सेक्रेटरी आनंद जोशी के दस्तखत हैं। आदेश में आरबीआई को निर्देश दिया गया कि वह सभी बैंकों से यह सुनिश्चित करने को कहे कि ‘फोर्ड फाउंडेशन से भारत में आने वाली किसी भी रकम’ का मामला मंत्रालय के पास भेजा जाए और यहां से मंजूरी के बाद ही इसकी इजाजत दी जाए। मंत्रालय के प्रवक्ता के एस धतवालिया ने इसकी पुष्टि की।
इससे पहले केंद्र ने ग्रीनपीस पर कार्रवाई की थी और अब फोर्ड फाउंडेशन से जुड़े घटनाक्रम के बाद सोशल एक्टिविस्ट्स की यह धारणा मजबूत होगी कि मोदी सरकार एनजीओ के बारे में कडा रवैया अपना रही है।
फोर्ड फाउंडेशन ने ईटी को लिखित जवाब में कहा कि उसे गृह मंत्रालय की ओर से चल रही जांच के रिव्यू के बारे में ही जानकारी है। उसने कहा, ‘वित्त मंत्रालय के हालिया पत्र के बाद फोर्ड फाउंडेशन को आधिकारिक तौर पर पता चला है कि गृह मंत्रालय सबरंग कम्युनिकेशंस ऐंड पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड की चल रही जांच के संबंध में सूचना की समीक्षा कर रहा है।’
इस फंडिंग एजेंसी पर पिछले एक साल से इंटेलिजेंस ब्यूरो की नजर थी और इसकी ५० लाख डॉलर की ग्रांट को भारत सरकार ने इस शक के आधार पर ब्लॉक कर दिया था कि वह ऐसे संगठनों और एनजीओ की फंडिंग कर रही है, जो राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। गुजरात सरकार ने भी गृह मंत्रालय से फाउंडेशन की शिकायत की थी। यह कदम २००२ के गुजरात दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय की जंग लड़ रहीं तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ गुजरात सरकार की शिकायतों के तहत उठाया गया था। तीस्ता और जावेद सबरंग ट्रस्ट और सबरंग कम्युनिकेशंस ऐंड प्राइवेट लिमिटेड चलाते हैं और इन्हें फाउंडेशन से पैसे मिले थे।
सूत्रों ने बताया कि फोर्ड फाउंडेशन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर रहा था। सुरक्षा मामलों से जुड़े एक अधिकारी ने ईटी को बताया, ‘फोर्ड फाउंडेशन न तो सोसायटीज ऐक्ट के तहत एनजीओ के रूप में रजिस्टर्ड है और न ही कंपनीज ऐक्ट या ट्रस्ट्स ऐक्ट के तहत पंजीकृत है। इसे केवल आरबीआई से इजाजत मिली है कि वह भारत में ब्रांच ऑफिस चला सकती है।’
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स
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