दिल्ली / पटना / प्रयाग / लखनऊ . आपदा प्रभावितों की मदद के लिये विश्व हिन्दू परिषद ने त्रि स्तरीय योजना तैयार की है. जिसके अनुसार राहत कार्य होगा. विहिप ने सज्जनों से सहयोग का आग्रह किया. नेपाल में आये हुए भीषण भूकंप में 4500 से अधिक लोगों ने अपने प्राण खोये हैं और भारत में भी ७० से अधिक जानें गयी हैं. ४०,००० से अधिक लोग घायल हैं, हजारों बच्चे अपने माता – पिता को खो बैठे हैं. उन का भविष्य अंधेरे में है. लाखों लोग घर गिरने से खुले आसमान के नीचे रहने – सोने को मजबूर हैं. अनेक गांव काठमांडू, पोखरा के कई क्षेत्र तथा भारत में बिहार, आसाम, बंगाल, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में कुछ इलाके जमींदोस्ज़ हुए हैं. प्राचीन मंदिर और संस्कृति के लिए ख्यात नेपाल ध्वस्त हुआ है. पर्यटन पर जीने वाली वहां की जनता अपनी आजीविका खो चुकी है. ये स्थिति देखते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने सहायता हेतु त्रि -स्तरीय योजना निश्चित की है.
विश्व हिन्दू परिषद की त्रि-स्तरीय योजना :
1. विनाशकारी भूकंप में माता – पिता को खोकर अनेक बच्चे अनाथ हुए हैं. विश्व हिन्दू परिषद के भारत में १५० से अधिक छात्रावास और ५० से अधिक अनाथालय हैं. विश्व हिन्दू परिषद की निवासी शालाओं में रहकर और शिक्षा लेकर लाखों बच्चे आज बड़े होकर कंपनियों में, सेना में, सरकार में, विदेशों में उच्च पदों पर कार्यरत हैं. नेपाल और भारत के जो बच्चे भूकंप में अनाथ हुए हैं, उन का प्रबंध विश्व हिन्दू परिषद प्रेम से करेगी. बच्चों की देखभाल में जिन्हें सहयोग करना हो, वे संपर्क कर सकते हैं.
2. सिर पर छत ही ना हो तो आपदा में कोई भी व्यक्ति भविष्य के विषय में सोच भी नहीं सकता. इस भूकंप में जिन के घर गिरे हैं, उन में से अनेकों के लिए विश्व हिन्दू परिषद घर बनवा देगी. इस हेतु आपदाग्रस्त क्षेत्रों में से कुछ गांव गोद लेकर कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा. गृह निर्माण या इससे सम्बंधित जो कंपनियां या सहृदय व्यक्ति जरूरतमंदों को घर बनाने में सहायता करना चाहते हैं, वे अवश्य आगे आएं.
3. प्राचीन मंदिर और विश्व ख्यात धरोहरों के लिए नेपाल जाना जाता था. नेपाल के मंदिरों में हर दिन पूजा होती थी. स्थानीय श्रद्धालु और देश-विदेश से आये सैलानियों से मंदिर परिसर सराबोर रहते थे. कई मंदिर ध्वस्त हुए हैं. हिन्दुओं के श्रद्धास्थानों को पुनः खड़ा करना हम सभी का दायित्व है. प्राचीन स्थानों की सैर, पर्यटन यह नेपाल की अधिकतर जनता की आजीविका भी थी. विश्व हिन्दू परिषद मंदिरों के पुनर्निर्माण हेतु हर संभव सहायता करेगी. विहिप ने आह्वान किया कि भारत के और विदेशों के बड़े मंदिर प्रतिष्ठान एक एक मंदिर केवल सहायता हेतु ‘गोद ‘ लें और इस पुण्य कार्य में आगे आएं.
भूकंप पीड़ितों के लिए यह त्रि-स्तरीय योजना विशद करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया ने कहा, “भारत में सहृदय लोगों की कोई कमी नहीं. आज आवश्यकता है कि हम सबको साथ मिलकर भूकंप पीड़ितों के लिए आगे आने की. अनाथ बच्चों का निवास और उन की शिक्षा का प्रेम से प्रबंध कर उन का भविष्य सुनिश्चित करना, जिन्होंने अपना सब कुछ खोया ऐसे बेघरों को घर देना और नेपाल की वह प्राचीन भव्य सुंदरता संस्कृति और उन की धरोहरों का पुनर्निर्माण कर धर्म कार्य करना और वहां के युवाओं को उन की आजीविका फिर से प्राप्त करवाना. ये तीन महत्त्व के सहायता मार्ग हैं. विश्व हिन्दू परिषद इन पर पूर्ण ध्यान देगी.”
‘‘विश्व हिन्दू परिषद’’ के नाम चेक/अथवा ड्राफ्ट द्वारा (दिल्ली में भुगतान हेतु) बनवाकर भेजें. आप विश्व हिन्दू परिषद के ओरियण्टल बैंक आफ कामर्स, बसंतलोक शाखा के खाता संख्या – 04072010017250, IFSC-ORBC0100407 में सीधे भी जमा करवा सकते हैं. विश्व हिदू परिषद का PAN-AAATV 0222D है.
यदि दानदाता आयकर अधिनियम की धारा 80G की सुविधा चाहते हैं तो सहायता राशि चेक/बैंक ड्राफ्ट ‘‘भारत कल्याण प्रतिष्ठान’’ के नाम नई दिल्ली के किसी भी बैंक में भुगतान हेतु बनाया जायेगा. भारत कल्याण प्रतिष्ठान के ओरियण्टल बैंक आफ कार्मस, बसंत लोक, नई दिल्ली शाखा के खाता संख्या 04072010019960, IFSC-ORBC0100407 में सहायता राशि सीधे भी जमा करवा सकते हैं. यदि बैंक में धनराशि सीधे जमा कराते हैं तो अपने सारे विवरण पत्र द्वारा हमारे कार्यालय को भेजने पर सहायता प्राप्ति की रसीद आपको भेजी जायेगी. भारत कल्याण प्रतिष्ठान का PAN-AAATB 0428P है.
हिन्दू हेल्प लाईन और इंडिया हेल्थ लाईन ने वैद्यकीय टीम, दवाइयां और अन्य सहयोग आगे भेजने की व्यवस्था की हुयी है. इस योजना में जो सहयोग करना चाहते हैं, वे अपना नाम, पता, जिला, राज्य, फोन क्रमांक, ईमेल पर भेजें ——- Vhp.prezoffice@gmail.com
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