Friday, April 24, 2015

आदि शंकराचार्य की जयंती

राउरकेला : आनंद वाहिनी व आदित्य वाहिनी की ओर से गुरुवार को सेक्टर-19 अखंडलमणि मंदिर में आदि शंकराचार्य की जयंती मनायी गई। इस मौके पर स्वामी प्रणव ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने हिन्दू सनातन धर्म की रक्षा के लिए देश के चारों दिशाओं में चार मठ स्थापित कर अपने विचारों को पूरे देश में पहुंचाया। 32 साल की आयु में उन्होंने विशाल देश में चेतना का व्यापक प्रचार प्रसार किया। आदि शंकराचार्य ने बताया कि जीव की उत्पत्ति ब्रह्म से हुई है। अज्ञानता जिसे हम माया के रूप में जानते हैं वह जीव को ब्रह्म से अलग कर देती है। विवेक से मनुष्य मूल स्वरूप ब्रहम को प्राप्त कर सकता है। उन्हों शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन पर भी प्रकाश डला। मंदिर परिसर में सफाई कार्यक्रम के बाद रुद्राभिषेक हुआ। इसमें आदित्य वाहिनी के उपाध्यक्ष श्याम बिहारी गोयल सपत्निक के साथ जजमान थे। धार्मिक गोष्ठी में स्वामी अग्नि बाबा, स्वामी पार्थ शर्मा ने हिन्दू जागरण व शंकराचार्य के विषय में विचार रखे तथा सनातन धर्म की रक्षा में शंकराचार्य के प्रयास एवं इसके प्रचार प्रसार पर जोर दिया गया। मित्रभानू पंडा ने सनातन धर्म की सृष्टि एवं चार धाम के निर्माण पर जानकारी दी। आदित्य वाहिनी के क्षेत्रीय सचिव रमन चटर्जी ने संगठन को मजबूत बनाने, संगठन के लिए एक घंटा समय व एक रुपये दैनिक खर्च करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि इसके लिए पुरी शंकराचार्य कार्यकर्ताओं को दानपत्र भी प्रदान करेंगे। कार्यक्रम में राउरकेला शाखा के महासचिव द्यूति कृष्ण प्रधान, कोषाध्यक्ष विनोद शर्मा, राउरकेला शाखा आदित्य वाहनी के संतोष ¨सह, विद्या प्रसाद,पीसी पंडा, रंजन महापात्र, वीर प्रुष्टि, आनंद वाहिनी की संध्यारानी स्वाई, अंजलि प्रधान, पुष्पारानी कंडूलना, सुख¨वदर कौर, ममता दास, सुजाता मल्लिक आदि शामिल थे।

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