सिलीगुड़ी (विसंकें). बाबा साहेब आंबेडकर की 125वीं जयंती के उपल7य़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से समरसता दिवस का आयोजन किया गया. गंगानगर में आयोजित कार्यक्रम में बाल्मीकि समाज से भी बंधु उपस्थित थे. कार्यक्रम के शुभारंभ पर समस्त जनों ने डॉ आंबेडकर के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये. बाल्मीकि समाज सिलीगुड़ी के अध्यत्क्ष भगीरथ बाल्मीकि, महामंत्री गोवर्धन ने बाबा साहेब द्वारा समरस समाज के निर्माण को लेकर किये गए प्रयासों की चर्चा की. वक्ताओं ने बाबा साहेब आंबेडकर के जीवन पर भी प्रकाश डाला. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अद्वैतचरण जी, क्षेत्र प्रचारक प्रदीप जी, उत्तर बंग प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख दिलीप भक्त जी ने भी अपने विचार व्यक्त किये और बाबा साहेब के कार्यों पर चर्चा की.
प्रांत कार्यालय माधव भवन में भी सामाजिक समरसता दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में शताधिक बंधु भगिनी सहभागी बने. वक्ताओं ने समाज के उत्थान के लिये शिक्षा और संस्कार पर जोर दिया. अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अद्वैतचरण जी ने कहा कि संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार अपना परिचय हिन्दू के नाते करवाते थे, उन्होंने छुआछूत, समस्त भेदों को दूर कर सशक्त समाज के निर्माण के लिये कार्य किया. वर्धा शिविर में उपस्थित रहकर स्वयं गांधी जी ने भी संघ के कार्य का दर्शन किया था. उन्होंने कहा कि काफी प्रयास के बावजूद भी बाबा साहेब नासिक के एक मंदिर में प्रवेश करने में सफल नहीं हो पाए थे, वर्ष 2004 में मंदिर में दो स्वयंसेवक पुजारी बनकर आए तो वर्ग के लोगों को मंदिर में प्रवेश करने में सफलता मिली. उन्होंने समस्त लोगों से अपने-अपने मोहल्ले में समरस समाज के निर्माण के लिये कार्य करने का आग्रह किया.
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