Wednesday, April 22, 2015

सुप्रीमकोर्ट ताजा निर्देश का भारत रक्षा मंच स्वागत करता है

भुवनेश्वर
संप्रग सरकार के इशारे पर गेरुआ आतंकवाद का बहाना बताकर एटीएस मुंबई द्वारा बिना गलती गिरफ्तार प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत अन्य को मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी बनाये जाने और सात साल से निचली अदालत में मामले की सुनवाई नहीं होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया अपराध साबित नहीं हो रहा है, इसलिए आरोपी निचली अदालत में जमानत अर्जी दाखिल करें।
देश की सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का ओड़िशा भारत रक्षा मंच स्वागत करता है। मंच के राष्ट्रीय सह आह्वाक मुरली मनोहर शर्मा ने कहा कि बिना किसी गलती और चार्जशीट के सात साल से प्रताड़ना सहते हुए जेल में बंद साध्वी को जमानत देने के लिए भारत रक्षा मंच देश भर में आंदोलन चला रहा था। ऐसे में सुप्रीमकोर्ट का यह निर्देश स्वागत योग्य होने के साथ हमारी नैतिक जीत भी है।
शर्मा ने कहा कि बिना किसी प्रमाण के साध्वी प्रज्ञा को सात साल से जेल में रखा जाना दुर्भाग्यजनक है। शर्मा ने कहा कि दुख की बात है कि सेहत की समस्या बताकर 2 जी घोटाले के अभियुक्तों को जमानत मिल जा रही है, मगर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत नहीं मिलती है। शर्मा ने कहा कि संप्रग सरकार के समय एटीएस ने साध्वी को जबरन गिरफ्तार कर उन्हें प्रताड़ित किया है। हाल यह हो गया कि साध्वी शय्या पर लेटे जिंदगी के साथ संग्राम कर रही हैं। उनके इलाज के लिए आज तक कोई व्यवस्था नहीं हुई है। जबकि मंच की ओर से साध्वी को तुरंत रिहा करने एवं बेहतर इलाज मुहैया कराने की मांग करते हुए राज्य में प्रदर्शन किया गया था। हजारों पोस्टकार्ड भोपाल केंद्रीय कारागार के पास भेजा गया था। साध्वी के बेहतर इलाज के लिए हजारों का मनिआर्डर भी भेजा गया। शर्मा ने कहा कि इस बीच मंच के राष्ट्रीय सचिव अनिल धीर के साथ मैंने भोपाल केंद्रीय कारागार जाकर साध्वी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। सुप्रीमकोर्ट ताजा निर्देश का भारत रक्षा मंच स्वागत करता है।

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