Sunday, May 20, 2012

पूरे राज्य में सावित्री अमावस्या की धूम

पूरे राज्य में सावित्री अमावस्या की धूम
भुवनेश्वर, vsj
सावित्री अमावस्या के मौके पर रविवार को प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी इलाके में सधवा महिलाओं का हुजूम पूजा अर्चना के लिए उमड़ा। विभिन्न मंदिरों में अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती महिलाएं लम्बी कतार में खड़ी दिखाई दी। ओड़िशा में बट सावित्री अमावस्या को धूमधाम से मनाए जाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। आज के दिन विभिन्न प्रकार के फल पूजा में चढ़ाने की रिवाज है। कम से कम 7 प्रकार के फल तो पूजा में लगते ही हैं। मंदिर पहुंची कई महिलाओं की टोकरी में 11, 15, 21 प्रकार के फल देखे गए। उधर, सावित्री अमावस्या के मौके पर फलों की कीमत आसमान तक जा पहुंची है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आज ही के दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान की जीवन भिक्षा की थी। सावित्री के पतिव्रता तप का ही प्रभाव था कि यमराज ने मृत सत्यवान को जीवित होने का वरदान दिया। तब से आज के दिन महिलाएं अपना सौभाग्य बरकरार रखने के लिए बरगद पेड़ की पूजा करती हैं। आज के दिन महिलाएं मंदिर में पूजा करने के बाद अपने पति की पूजा कर उनसे आशीर्वाद लेती हैं। आधुनिकता के प्रभाव से सावित्री पूजा में पारंपरिक रंग ढंग तो गायब होने लगा है, मगर पूजा के लिए उत्कंठा आज भी वैसी ही बनी हुई है। आधुनिकता के नाम पर फलों की संख्या बढ़ाना, अच्छे से अच्छा पहनावा पहनकर पूजा को जाना इस रिवाज के नाम पर खानापूर्ति जैसा मालूम होता है। बट सावित्री के अवसर पर रविवार को राजधानी भुवनेश्वर एंवं कटक में सुबह से देवालयों में महिलाओं की खासी भीड़ देखी गई। सावित्री पूजा के लिए मंदिर में भी विशेष व्यवस्था की गई थी।

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