भुवनेश्वर :
लोग 14 फरवरी को जहां युवा पीढ़ी वेलेंटाइन डे मना रहे हैं। वहीं Saraswati sisumandir
के शिक्षकों ने भारतीय परंपरा को जीवित रखने के लिए विद्यालय में माता-पिता पूजन कार्यक्रम चला। इससे बच्चों को आरंभ से ही भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए बच्चों को पेरेंट्स डे मनाने को प्रेरित किया। विद्यालय के बच्चों ने विद्यालय में आए अपने माता पिता की पूजा की और आरती कर उनसे आशीर्वाद लिया। प्रधानाध्यापक ने कहा कि आज लोग वेलेंटाइन डे मना रहे हैं, लेकिन हमलोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। बच्चों में संस्कार देने के लिए माता पिता की भूमिका अधिक है। उन्होंने बच्चों को सुबह सवेरे उठकर अपने माता पिता से आशीर्वाद लेने तथा उनके कहे गए बातों पर अमल करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि बच्चों को आरंभ से ही संस्कार देना चाहिए, इसकी जिम्मेवारी घर में माता पिता तथा विद्यालय में गुरुजनों की है।
लोग 14 फरवरी को जहां युवा पीढ़ी वेलेंटाइन डे मना रहे हैं। वहीं Saraswati sisumandir
के शिक्षकों ने भारतीय परंपरा को जीवित रखने के लिए विद्यालय में माता-पिता पूजन कार्यक्रम चला। इससे बच्चों को आरंभ से ही भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए बच्चों को पेरेंट्स डे मनाने को प्रेरित किया। विद्यालय के बच्चों ने विद्यालय में आए अपने माता पिता की पूजा की और आरती कर उनसे आशीर्वाद लिया। प्रधानाध्यापक ने कहा कि आज लोग वेलेंटाइन डे मना रहे हैं, लेकिन हमलोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। बच्चों में संस्कार देने के लिए माता पिता की भूमिका अधिक है। उन्होंने बच्चों को सुबह सवेरे उठकर अपने माता पिता से आशीर्वाद लेने तथा उनके कहे गए बातों पर अमल करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि बच्चों को आरंभ से ही संस्कार देना चाहिए, इसकी जिम्मेवारी घर में माता पिता तथा विद्यालय में गुरुजनों की है।
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