नोएडा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कर्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार जी ने भारतीय नव वर्ष को त्यौहार के रूप में मनाने पर बल दिया. प्रेरणा जनसंचार एवं शोध संस्थान (नोएडा-उत्तर प्रदेश) की पत्रिका केशव संवाद के ‘चुनाव: लोकतंत्र का पर्व’ विषयक विशेषांक के लोकार्पण अवसर पर उन्होंने भारतीय नववर्ष की समग्र परिकल्पना पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारतीय नववर्ष वस्तुतः कालगणना पर आधारित है और पूरे भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. कहीं विक्रमी संवत तो कहीं युगाब्द के रूप में इसकी प्रतिष्ठा है. भारतीय नववर्ष वस्तुतः भारतीय संस्कृति और परंपराओं की राष्ट्रीय अभिव्यक्ति है. यह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की आधार भूमि है. भारत देवभूमि है और वह संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करने में सक्षम है. इसकी स्वीकार्यता जनमानस में है और इसमें जितनी जन हिस्सेदारी बढ़ेगी, उतना ही भारतीय समाज एकजुट होगा और उसको मजबूती मिलेगी. भारतीय काल गणना पृथ्वी की उत्पति से मानी जाती है. जब मानव का अवतरण हुआ, तबसे मानवीय कालगणना मानी जाती है. भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां भगवान का अवतरण हुआ और इसे देव भूमि भी कहा जाता है. भारत में ही सबसे पहले मानव का अवतरण हुआ और यहां से ही मानव पूरे विश्व में गये.
जानी-मानी पटकथा लेखिका अद्वैता काला जी ने भारतीय नववर्ष के विस्तार में मीडिया की भूमिका बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि मीडिया का बड़ा हिस्सा विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और अंग्रेजी मीडिया भारतीय नववर्ष की घोर उपेक्षा करते हैं. एक जनवरी को जो अंग्रेजी नववर्ष मनाया जाता है, उसको लेकर मीडिया के इस बड़े हिस्से में प्रचारात्मक दीवानगी दिखती है. अगर यही दीवानगी भारतीय नववर्ष को लेकर हो तो भारतीय समाज में इसके प्रसार को बढ़ाया जा सकता है, इसको लोकप्रिय बनाया जा सकता है. उन्होंने भारतीय नववर्ष को जनता का त्यौहार बनाने का आह्वान किया. बच्चों और नव युवकों में विशेष रूप से इसके प्रति आकर्षण पैदा किया जाना चाहिए.
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलपति नरेन्द्र कुमार तनेजा जी ने भारतीय नववर्ष की वैज्ञानिक व्याख्या करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से भारतीय कालगणना पर आधारित है और इसकी वैज्ञानिकता को चुनौती नहीं दी जा सकती है. उन्होंने भी इसमें जन हिस्सेदारी बढ़ाने पर बल दिया और कहा कि इसका जितना प्रचार-प्रसार होगा, उतना ही भारतीय संस्कृति और परंपराओं को मजबूती मिलेगी. हिन्दुस्थान समाचार के प्रधान संपादक राकेश मंजुल, यूनियन बैंक मेरठ के पूर्व महाप्रबंधक आनंद प्रकाश, सह विभाग संघचालक सुशील सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे, कार्यक्रम में भारतीय नववर्ष व कालगणना पर विस्तार से मंथन हुआ. मुख्य अतिथि व अन्य ने केशव संवाद पत्रिका के विशेषांक का लोकार्पण किया.
No comments:
Post a Comment