चित्रकूट. भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में चार दिवसीय ग्रामोदय मेले का शुभारंभ बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद जी ने किया. उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल जी के चिन्तन में हमेशा ही ग्राम उत्थान रहा है. चित्रकूट की भूमि पर नानाजी देशमुख ने दीनदयाल जी के सपने को धरती पर उतारा और क्षेत्र के गांव आज उत्तरोतर विकास के मार्ग पर बढ़ रहे हैं. एकात्म मावनवाद के महान चिंतक पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित ग्रामोदय मेले का शुभारम्भ देवार्चन, दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पार्चन, वेदमंत्रों, शंखध्वनि के बाद सभी उपस्थित जनों द्वारा सामूहिक राष्ट्रीय गान के साथ हुआ.
राज्यपाल ने कहा कि भारत गांव में बसता है, हर व्यक्ति के जीवन में एक प्रश्न रहता है कि उसने अपने जीवन में क्या किया. राष्ट्रऋषि नानाजी ने दीनदयाल जी के चिंतन को दीनदयाल शोध संस्थान के प्रकल्पों के माध्यम से साकार कर समाज को एक दिशा दी कि एक व्यक्ति अपने जीवन में क्या नहीं कर सकता, अपने जीते जी नानाजी ने अपना शरीर भी मृत्यु के बाद दधीचि देह दान संस्थान को देने का संकल्प ले लिया. व्यक्ति एवं समाज एक दूसरे के पूरक हैं, यह एकात्म मानववाद के चिंतक पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के विचार थे. जिसे नानाजी ने साकार रुप दिया. भारतमाता से यदि माता शब्द हटा दिया जाए तो भारत केवल एक भूखण्ड मात्र रह जाएगा. दीनदयाल शोध संस्थान पंडित जी के सपनों का भारत तैयार कर रहा है, संस्थान की समाज शिल्पी दंपत्ति योजना आदि अनेक अनुकरणीय प्रयासों से भारत सरकार भी अपनी योजनाओं में मार्गदर्शन ले रही है.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थावरचन्द्र गहलोत ने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्म मानववाद रुपी एक चिंतन समाज को दिया, नानाजी ने वसुधैव कुटुम्बकम की अपनी वृत्ति के आधार पर साकार रुप दिया. केन्द्रीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि नानाजी कहा करते थे – केवल राजनीति से संन्यास लेकर एक अनुकरणीय माडल दीनदयाल शोध संस्थान प्रस्तुत किया.
कार्यक्रम का संचालन दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने किया. कार्यक्रम की भूमिका राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने रखी. सभी अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम संस्थान के कार्यकर्ताओं ने किया. उद्घाटन सत्र में संरक्षक दीनदयाल शोध संस्थान एवं संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदनदास देवी सहित अन्य मंचासीन रहे. इनके अलावा सदगुर सेवा संघ के डॉ. वीके जैन, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीके कुठियाला, रानी दुर्गावती विवि के कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्र, महात्मा गांधी ग्रामोदय विवि के कुलपति प्रो. नरेश चंद्र गौतम, विकलांग विवि के कुलपति डॉ. योगेश चंद्र दुबे, एकेएस विवि सतना के कुलपति सहित चित्रकूट के सभी संत महंतों की उपस्थिति रही.
आकर्षण का केन्द्र बना नौ करोड़ का भैंसा युवराज
ग्रामोदय मेले में लगी प्रदर्शनी में लोग आनंद ले रहे हैं. वहीं मेले में कुरक्षेत्र हरियाणा के करमवीर सिंह अपने विश्व विख्यात भैंसे युवराज को लेकर आए. भैंसे की कीमत एक-दो लाख नहीं, बल्कि पूरे नौ करोड़ है. उच्च अनुवांशिक उत्पादन क्षमता वाले युवराज नाम के भैंसे की कीमत दक्षिण अफ्रीका के पशुपालकों ने 9.25 करोड़ लगाई है. इस पर प्रतिदिन तीन हजार का व्यय आता है.
चित्रकूट में दिखा लघु भारत का दर्शन
ग्रामोदय मेले में भारत के कई हिस्सों से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने आए इंदिरा गांधी राष्टीय कला केन्द्र के 250 लोक कलाकारों ने सुबह संस्कृति की छटा पूरे नगर में बिखेर दी. रामघाट से जानकी कुंड तक निकाली गई शोभायात्रा देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति को प्रदर्शित कर रही थी. सांस्कृतिक परिधानों से सुसज्जित यह लोक कलाकार पूरे दिन अपनी कला का प्रदर्शन करते रहे. ये कलाकार मेले में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे.
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