जयपुर (विसंकें). विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं ख्याति प्राप्त कैंसर सर्जन डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि मुंह एवं गले के कैंसर के 90 प्रतिशत रोगी ग्रामीण परिवेश एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के होते हैं. कैंसर की जांच एवं उपचार सुविधाएं अधिकांशतया शहरों में उपलब्ध होने से ग्रामीण रोगियों के इलाज में देरी होती है. उन्होंने कैंसर के बारे में जनजागरूकता अभियान में सरकारी एवं गैरसरकारी, स्वयंसेवी संस्थाएं, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े प्रत्येक भारतीय नागरिक से इस लडाई में साथ आने का आह्वान किया. वे जयपुर के भगवान महावीर कैंसर अस्पताल के तत्वाधान में आयोजित इंडो ग्लोबल समिट ऑन हैड एवं नैक कैंसर सेमीनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.
भगवान महावीर कैंसर अस्पताल द्वारा आयोजित सम्मेलन में देश विदेश के करीब 700 चिकित्सक भाग ले रहे हैं. तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक गहन मंथन हुआ. राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सर्राफ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. डॉ. पीएस लोढ़ा ने कहा कि डॉ. प्रवीण तोगडिया माह में जनकल्याण के कार्यक्रम में करीब 25 दिन यात्रा करते है. उन्होंने लगभग 12000 कैंसर के सफल ऑपरेशन भी किये हैं. भारत में एक अभियान “हैल्थी नेशन-हैप्पी नेशन” भी शुरू किया है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा एवं गरीब निम्नवर्ग के लोगों के लिये 60,000 प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जिससे करीब 51,000 गांवों के बीस लाख से अधिक बच्चों को प्राथमिक शिक्षा एवं एक लाख से अधिक विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में पूर्ण मदद मिल रही है.
कालीचरण जी सर्राफ ने कैंसर के बढ़ते रोगियों की संख्या पर चिन्ता व्यक्त की तथा इस भयावह रोग के रोकथाम, जल्द अवस्था में जाँच एवं उचित इलाज पर प्रकाश डाला. उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों से इस प्रकार की कार्यशाला एवं संगोष्ठी के माध्यम से चिकित्सा विज्ञान के नवीनतम जानकारियां एवं उनके लाभ ग्रामीण एवं आमजन तक पहुंचाने का आग्रह किया.
भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय न्यास के अध्यक्ष नवरतन जी कोठारी ने कहा कि राजस्थान के कैंसर रोगियों को जाँच एवं उपचार के लिये पहले दिल्ली एवं मुम्बई जाना काफी कष्टप्रद था. इसी से प्ररेणा लेकर इस चिकित्सालय को क्षेत्र का सर्वोतम चिकित्सा केन्द्र बनाने का प्रयास निरन्तर जारी है. उन्होंने भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय में कैंसर केयर के सहयोग द्वारा चल रही जनकल्याण योजनाओं में से मुख्य डोनेट-ए-लाईफ (1-14 वर्ष के बच्चों का रक्त कैंसर, होजकिन्स लिम्फोमा), कैंसर मुक्ति-योजना (सीएमएल) के तहत रक्त कैंसर पीड़ित रोगियों का निःशुल्क चिकित्सा योजनाओं के बारे में बताया.
टाटा मेमोरियल अस्पताल मुम्बई के निदेशक डॉ. अनिल डीक्रूज, पूर्व निदेशक डॉ. पीबी देसाई, डॉ. डीडी पटेल, डॉ. राजगोपाल, डॉ. पीटर, डॉ. जैम्स एडम, डॉ. डेनियल, डॉ. नेक्यूब, मैक्स अस्पताल दिल्ली के डॉ. हरित चतुर्वेदी, बैंगलोर के डॉ. अय्यर ने भी अपने व्याख्यान दिए. संगोष्ठी के सचिव डॉ. ललित मोहन शर्मा ने बताया कि आज की गहन चर्चाओं में कई नई दवाईयों एवं कैंसर सर्जरी की नई तकनीक पर विशेष जोर दिया गया. इम्यूनोथेरेपी का कैंसर में उभरता हुआ प्रयोग आने वाले समय में काफी सफल रहेगा.
डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि मुंह एवं गले के कैंसर सर्जरी जल्द अवस्था में करने से बीमारी की जड़ कटने की पूरी सम्भावना होती है. राजस्थान में अधिकांश मरीज लेट अवस्था में कैंसर के उपचार के लिए अस्पताल में पहुंचते हैं. जिससे ईलाज में परेशानी आती है, खर्च भी अधिक होता है और कई बार परिणाम भी अच्छा नहीं होता. डॉ. तेज प्रकाश सोनी ने बताया कि रेडियाथैरेपी की नवीनतम आईएमआरटी एवं आईजीआरटी तकनीक द्वारा अच्छे परिणाम आते है. फाइब्रोसिस कम होता है एवं लार की ग्रन्थी को बचाने सें मुंह का सूखना एवं अन्य दूरगामी परेशानियां एवं दुष्प्रभाव कम होते हैं. डॉ. एससी पारीक ने कहा कि राजस्थान में इस प्रकार की पहली संगोष्ठी है. इस संगोष्ठी में डॉक्टर्स के विचार विमर्श से मरीजों को लाभ पहुंचेगा. चिकित्सालय न्यास के प्रबन्ध न्यासी विमलचन्द जी सुराणा, वरिष्ठ उपाध्यक्षा अनिला कोठारी जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया.
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