देहरादून (विसंकें). चार धामों में से एक श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित कर दी गई है. धाम के कपाट आगामी छह मई को ब्रह्ममुहूर्त में 4.15 बजे खोले जाएंगे. जबकि, बद्रीविशाल के अभिषेक में प्रयुक्त होने वाले तिल के तेल का कलश (गाडू घड़ा) 22 अप्रैल को नरेंद्रनगर स्थित राजमहल से बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होगा.
बसंत पंचमी पर बुधवार को नरेंद्रनगर राजमहल में विधि-विधान के साथ श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि निकाली गई. पूजा-अर्चना और हवन के साथ राजपुरोहित कृष्ण प्रसाद उनियाल व संपूर्णानंद जोशी ने पंचांग गणना कर शुभ मुहूर्त तय किया. इसके पश्चात दशकों पुरानी परंपरा के अनुसार टिहरी राजघराने के मुखिया महाराजा मनुजयेन्द्र शाह ने कपाट खुलने की तिथि छह मई को ब्रह्ममुहूर्त में 4.15 बजे और तेल कलश (गाडू घड़ा) के राजमहल से प्रस्थान की तिथि 22 अप्रैल निकलने की घोषणा की. इससे पूर्व डिम्मर पंचायत के प्रतिनिधि भगवान बद्रीनाथ के तेल कलश को लेकर नरेंद्रनगर राजमहल पहुंचे.
भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक के लिए विशेष तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है. इसे परंपरानुसार राजमहल में ही सुहागिनों के हाथों पिरोया जाता है. इस बार 22 अप्रैल को तिल का तेल पिरोया जाएगा और इसे कलश में डालकर श्री बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना किया जाएगा. इस मौके पर टिहरी सांसद महारानी राज्यलक्ष्मी शाह, श्री बद्रीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूरी, श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, मंदिर समिति के सदस्य दिवाकर चमोली, धर्माधिकारी भुवन उनियाल, डिम्मर केंद्रीय धार्मिक पंचायत के अध्यक्ष सुरेश डिमरी मौजूद रहे.
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