Saturday, July 11, 2015

श्रीमंदिर की रीति नीति व धार्मिक कायरें में निर्देश न आज्ञा देने का अधिकार सिर्फ शकराचार्य की पीठ को है

भुवनेश्वर : पुरी गोवर्धन पीठ के शकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पुरी के श्रीमंदिर में शासन तंत्र अराजक तत्वों को प्रोत्साहन दे रहा है। इसके कारण श्रीमंदिर में रीति नीति में विभ्राट हो रहा है। व्यास पीठ की उपेक्षा हो रही है। अगर स्थिति ऐसी ही बनी रही तो राज्य सरकार रसातलगामी हो जाएगी। उन्होने यह बात यहा एक संवाददाता सम्मेलन में कही।
शकराचार्य ने कहा कि नव कलेवर की प्रक्रिया के दौरान जो कुछ भी हुआ है उसे राज्य की जनता आम घटना न मानें। यह अत्यंत गंभीर घटना है। उन्होंने कहा कि श्रीमंदिर पुरी को व्यवस्थित किये बिना ओडिशा का उत्कर्ष असंभव है। पुरी के श्रीमंदिर को सुव्यवस्थित करने के लिए वह स्वयं कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीमंदिर की रीति नीति व धार्मिक कायरें में निर्देश न आज्ञा देने का अधिकार सिर्फ शकराचार्य की पीठ को है। सरकार की भूमिका सिर्फ व्यवस्थापक की नियुक्ति करना है जो इन निर्देशों का पालन करेगा। लेकिन शासन तंत्र ने व्यवस्थापक को प्रशासक बना दिया है और शकराचार्य के अधिकारों का अपहरण कर लिया है। धार्मिक रीति नीति में हस्तक्षेप करने का अधिकार शासन तंत्र को कतई नहीं है लेकिन शासन तंत्र बेवजह इसमें हस्तक्षेप कर रहा है।

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