Tuesday, July 07, 2015

स्व. सोहन सिंह जी संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी की कुल परम्परा के सच्चे संवाहक थे

Ma. Sohan Singh ji Shraddhanjali Sabha 019उदयपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान क्षेत्र के प्रचार प्रमुख ओमप्रकाश जी ने कहा कि स्व. सोहन सिंह जी संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी की कुल परम्परा के सच्चे संवाहक थे. उन्होंने अपने पारस स्पर्श से अनेक कार्यकर्ताओं का निर्माण किया. वे दूरदृष्टा थे. मेवाड़ सहित भारत का गौरवशाली इतिहास एवं परम्परा का परिचय आने वाली पीढ़ी से हो, इस ओर उनकी सजग दृष्टि थी. उनके प्रयासों एवं कल्पना के परिणाम स्वरूप अजमेर में पृथ्वीराज स्मारक, जोधपुर में दुर्गादास राठौड़ की प्रतिमा, हल्दीघाटी दर्रे का पुनर्निर्माण, चावण्ड में प्रताप स्मारक का निर्माण सहित उदयपुर में मेवाड़ एवं भारत के गौरवशाली इतिहास को जीवन्त करने वाले प्रताप गौरव केन्द्र का निर्माण भी उनके स्वप्न एवं परिकल्पना की साकार अभिव्यक्ति है. संघ कार्य विस्तार के साथ-साथ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए बांसवाड़ा परियोजना, ब्यावर परियोजना, धर्मजागरण विभाग का काम एवं सीमान्त क्षेत्र में सीमाजन कल्याण समिति का कार्य सोहन सिंह जी की प्रेरणा एवं प्रयासों से ही आरम्भ हुए हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक मा. सोहन सिंह जी का देहान्त दिनांक 4 जुलाई रात्रि को दिल्ली स्थित संघ कार्यालय ‘केशव कुंज’ झण्डेवालान में हुआ था. विद्यानिकेतन हिरणमगरी सेक्टर 4, उदयपुर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन गया.
क्षेत्र संघचालक मा. भगवतीप्रकाश जी ने कहा की सोहन सिंह जी कार्यकर्ता के विकास के लिए छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते थे. उनकाMa. Sohan Singh ji Shraddhanjali Sabha 016मार्गदर्शन इतना प्रभावी होता था कि उनके विचार हमारे मन पर चित्र लिखित हो जाते थे, उनका प्रत्येक कार्य में पूर्णता का आग्रह रहता था, प्रत्येक न्यूनता को वे अपने आग्रह एवं प्रयत्न से ठीक करवाते थे.
क्षेत्र प्रचारक प्रमुख जी ने कहा सोहन सिंह जी प्रत्येक कार्यकर्ता का पूर्ण मार्गदर्शन करते थे. एवं प्रत्येक कार्यकर्ता की छोटी-छोटी बातों को ध्यान दिलाकर गुण विकास के पक्षों का पोषण भी करने के साथ अपनी दृष्टि भी बनाये रखते थे. उनकी स्वयं की दिनचर्या अत्यन्त कठोर थी. जीवन अन्यन्त सादा था. वे छोटे से कक्ष में रहते थे, जिसे शेर की मांद कहा करते थे अर्थात् जो एक बार शेर की गुफा में आ गया, वह वापस नहीं जा पाता था. उनके सम्पर्क में आया व्यक्ति जीवन भर के लिए संघ का हो जाता था. अपने जीवन की न्यूनताओं को पहचानते हुए उन्हें दूर कर अपने को योग्य कार्यकर्ता बनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. कार्यक्रम के प्रारम्भ में विभाग प्रचारक अजय कुमार जी ने सोहन सिंह जी का  संक्षिप्त जीवन परिचय रखा. सैकड़ों स्वयंसेवकों ने पुष्पांजली से श्रद्धांजलि अर्पित की तथा 2 मिनट का मौन रखा गया.

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