गुजरात (विसंकें). गुजरात में प्रचारक रहे बल्लूजी (बलवंतसिंह अर्जुनसिंह सोंधी जी) का 20 जुलाई 2015, सोमवार मध्य रात्रि को स्वर्गवास हो गया. बल्लूजी का जन्म उल्लासनगर (महाराष्ट्र) में 6 अक्टूबर, 1966 को हुआ था. सन 1981 से संघ के स्वयंसेवक बने. आपने ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था.
उस समय के प.पू. सरसंघचालक बालासाहेब देवरसजी के आह्वान पर सन 1991 से प्रचारक के रूप में कार्य प्रारंभ किया. सायं शाखा के मुख्य शिक्षक, कार्यवाह, नगर शारीरिक प्रमुख आदि दायित्वों का वहन करते हुए वड़ोदरा महानगर में 5 वर्ष तक प्रचारक के रूप में कार्य किया. जुलाई 95 से बल्लूजी का केंद्र कर्णावती रहा. कर्णावती महानगर में 4 भाग में प्रचारक, कर्णावती महानगर प्रचारक तत्पश्चात गुजारत के उत्तर संभाग के प्रचारक के रूप में बल्लूजी ने कार्य किया. वर्ष 1995 में वड़ोदरा विश्व संघ शिविर, वर्ष 2000 में कर्णावती में आयोजित संकल्प शिविर, वर्ष 2005 में प्रेक्षा भारती (गांधीनगर) में आयोजित विश्व संघ शिविर के सफल आयोजन में बल्लूजी की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
बल्लूजी युवाओं में बहुत लोकप्रिय थे. उनके कार्य करने की पद्धति और तरीका सभी को भाता था. बल्लूजी एक प्रखर वक्ता थे और छत्रपति शिवाजी महाराज और बंदा वैरागी सम्बन्धी ऐतिहासिक और प्रेरणास्पद कहानियां सुनाया करते थे. अपने पिताजी के अस्वस्थ रहने के कारण अभी से कुछ वर्ष पहले ही उन्होंने प्रचारक जीवन छोड़ कर अपने मूल वतन में सक्रियता से कार्य करना जारी रखा था.
कुछ महीने पहले ही उन्हें केंसर होने और किडनी सम्बन्धी व्याधी होने का पता चला था. पुणे के चिकित्सालय में उनका उपचार चल रहा था. उनके शीघ्र स्वस्थ होने की उम्मीदों के बीच ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था. शायद भगवान को भी अपने कार्य के लिए वहां इस कर्मठ कार्यकर्त्ता की आवश्यकता रही होगी. रात को तीव्र हृदयाघात के पश्चात बल्लूजी अंतिम यात्रा पर निकल पड़े. उनके निधन से उनके परिवार तथा संघ को अत्यधिक क्षति हुई है.
बल्लूजी का दाह संस्कार 21 जुलाई को आकुर्डी (पुणे) में किया गया. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे. ओउम् शांति… सदगत की पगड़ी (बेसना) दि. 24.7.2015, शुक्रवार को सायं 5 से 6, गुरुद्वारा – आकुर्डी (पुणे) में रखा गया है.
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