Wednesday, July 22, 2015

राष्ट्र हित में चिन्तन करने वाले संगठन सदैव राष्ट्रहित की नीति बने,

जोधपुर (विसंकें). राष्ट्र हित में चिन्तन करने वाले संगठन सदैव राष्ट्रहित की नीति बने, इसी बात के लिए क्रियाशील रहते हैं, स्वदेशी जागरण मंच भी उनमें से एक है. भारत को समृद्धशाली एवं गौरवमयी बनाने के लिए कार्य कर रहे मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा इस बात की चिन्ता न करते हुए कि सरकार किस पार्टी की है, सदैव राष्ट्रहित के मुद्दों को उजागर करना चाहिए. वर्तमान में मंच अपने कार्यों द्वारा इस बात को सिद्ध भी कर रहा है. मंच द्वारा भूमि अधिग्रहण, जीएमक्रॉप्स, ईकॉमर्स में विदेशी कम्पनियों को खुली छूट जैसे राष्ट्र विरोधी मुद्दों पर मुखर रूप से आन्दोलन किये जा रहे है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर प्रान्त संघचालक ललित शर्मा स्वदेशी जागरण मंच जोधपुर विभाग द्वारा आयोजित विभाग विचार वर्ग के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे. स्वदेशी जागरण मंच के विभाग संयोजक अनिल वर्मा ने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जालोरी गेट स्थित ब्रह्मबाग मन्दिर में रविवार को आयोजित किया गया. इसमें विभिन्न विषयों पर जोधपुर महानगर जोधपुर ग्रामीण एवं फलोदी क्षेत्र के मंच के दायित्वान कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया.
मंच के प्रदेश संयोजक भागीरथ चौधरी ने कहा कि मंच आर्थिक विषयों पर राष्ट्रहित के मुद्दों को लेकर कार्य कर रहा है. पर्यावरण से लेकर जैविक खेती उन्नयन तक के विषयों को मंच के कार्यकर्ता घर-घर पहुंचा रहे हैं. मंच के राष्ट्रीय सह सम्पर्क प्रमुख डॉ. रणजीत सिंह मंच के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी ने वर्षों पहले जो कहा था, वह बात आज प्रत्यक्ष सत्य होती नजर आ रही है. ऐसे राष्ट्रऋषि के विचारों को पढ़ना, समझना हमारे आर्थिक जगत की आगे की दिशा तय करने के लिए बहुत जरूरी है.
IMG-20150719-WA0021 (1)प्रशिक्षण वर्ग में आर्थिक जीडीपी व अन्य मुद्दों पर एनवीयू के प्रो. आरसीएस राजपुरोहित ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सातवीं प्रमुख अर्थव्यवस्था है. जब अमेरिका के कारण विश्व आर्थिक मन्दी से गुजरा, तब भी भारतीय अर्थव्यवस्था अपने स्वदेशी प्रभावों के कारण विषम परिस्थितियों से सफलता पूर्वक निकल कर बाहर आई. ऐसे राष्ट्र जिन पर हमारी स्वदेशी सभ्यता का प्रभाव रहा है वे भी इस आर्थिक गुलामी के दौर से अपने आपको बचा सकेंगे. हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था उधार पर न चल कर मित व्ययता व बचत पर चलती है, जबकि पश्चिमी अर्थव्यवस्था उधार, अधिक लाभ व शोषण पर चलने वाली है. ऐसे में पश्चिमी अर्थव्यवस्था का अन्धानुकरण हमारे विकास में सहायक सिद्ध नहीं हो सकता.
मंच के प्रदेश सह संयोजक धर्मेन्द्र दुबे ने प्रोजेक्टर प्रजेन्टेशन के माध्यम से बौद्धिक सम्पदा अधिकार विषय पर जानकारी दी. डिजिटल इण्डिया विषय पर  विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर के प्रफुल्ल मेहता ने डिजिटल लॉकर, ई साईन, नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल, ई हॉस्पिटल, भारत नेट जैसे विषयों को विस्तार से समझाया. कार्यकर्ताओं को मीडिया फ्रेंडली रहने के लिए भी एक सत्र का आयोजन किया गया. जिसमें सन्तोष प्रजापत ने कहा कि मीडिया का राष्ट्रहित के विभिन्न आयामों के लिए सदैव सहयोग लेना चाहिए. तथ्यात्मक जानकारीयों के साथ में हम मीडिया के विभिन्न माध्यमों से जनता तक अपनी बात आसानी से पहुंचा सकते हैं.
जोधपुर (विसंकें). राष्ट्र हित में चिन्तन करने वाले संगठन सदैव राष्ट्रहित की नीति बने, इसी बात के लिए क्रियाशील रहते हैं, स्वदेशी जागरण मंच भी उनमें से एक है. भारत को समृद्धशाली एवं गौरवमयी बनाने के लिए कार्य कर रहे मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा इस बात की चिन्ता न करते हुए कि सरकार किस पार्टी की है, सदैव राष्ट्रहित के मुद्दों को उजागर करना चाहिए. वर्तमान में मंच अपने कार्यों द्वारा इस बात को सिद्ध भी कर रहा है. मंच द्वारा भूमि अधिग्रहण, जीएमक्रॉप्स, ईकॉमर्स में विदेशी कम्पनियों को खुली छूट जैसे राष्ट्र विरोधी मुद्दों पर मुखर रूप से आन्दोलन किये जा रहे है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर प्रान्त संघचालक ललित शर्मा स्वदेशी जागरण मंच जोधपुर विभाग द्वारा आयोजित विभाग विचार वर्ग के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे. स्वदेशी जागरण मंच के विभाग संयोजक अनिल वर्मा ने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जालोरी गेट स्थित ब्रह्मबाग मन्दिर में रविवार को आयोजित किया गया. इसमें विभिन्न विषयों पर जोधपुर महानगर जोधपुर ग्रामीण एवं फलोदी क्षेत्र के मंच के दायित्वान कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया.
मंच के प्रदेश संयोजक भागीरथ चौधरी ने कहा कि मंच आर्थिक विषयों पर राष्ट्रहित के मुद्दों को लेकर कार्य कर रहा है. पर्यावरण से लेकर जैविक खेती उन्नयन तक के विषयों को मंच के कार्यकर्ता घर-घर पहुंचा रहे हैं. मंच के राष्ट्रीय सह सम्पर्क प्रमुख डॉ. रणजीत सिंह मंच के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी ने वर्षों पहले जो कहा था, वह बात आज प्रत्यक्ष सत्य होती नजर आ रही है. ऐसे राष्ट्रऋषि के विचारों को पढ़ना, समझना हमारे आर्थिक जगत की आगे की दिशा तय करने के लिए बहुत जरूरी है.
IMG-20150719-WA0021 (1)प्रशिक्षण वर्ग में आर्थिक जीडीपी व अन्य मुद्दों पर एनवीयू के प्रो. आरसीएस राजपुरोहित ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सातवीं प्रमुख अर्थव्यवस्था है. जब अमेरिका के कारण विश्व आर्थिक मन्दी से गुजरा, तब भी भारतीय अर्थव्यवस्था अपने स्वदेशी प्रभावों के कारण विषम परिस्थितियों से सफलता पूर्वक निकल कर बाहर आई. ऐसे राष्ट्र जिन पर हमारी स्वदेशी सभ्यता का प्रभाव रहा है वे भी इस आर्थिक गुलामी के दौर से अपने आपको बचा सकेंगे. हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था उधार पर न चल कर मित व्ययता व बचत पर चलती है, जबकि पश्चिमी अर्थव्यवस्था उधार, अधिक लाभ व शोषण पर चलने वाली है. ऐसे में पश्चिमी अर्थव्यवस्था का अन्धानुकरण हमारे विकास में सहायक सिद्ध नहीं हो सकता.
मंच के प्रदेश सह संयोजक धर्मेन्द्र दुबे ने प्रोजेक्टर प्रजेन्टेशन के माध्यम से बौद्धिक सम्पदा अधिकार विषय पर जानकारी दी. डिजिटल इण्डिया विषय पर  विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर के प्रफुल्ल मेहता ने डिजिटल लॉकर, ई साईन, नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल, ई हॉस्पिटल, भारत नेट जैसे विषयों को विस्तार से समझाया. कार्यकर्ताओं को मीडिया फ्रेंडली रहने के लिए भी एक सत्र का आयोजन किया गया. जिसमें सन्तोष प्रजापत ने कहा कि मीडिया का राष्ट्रहित के विभिन्न आयामों के लिए सदैव सहयोग लेना चाहिए. तथ्यात्मक जानकारीयों के साथ में हम मीडिया के विभिन्न माध्यमों से जनता तक अपनी बात आसानी से पहुंचा सकते हैं.

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