चैत्र कृष्णपक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
अपने धर्म के प्रति कट्टरता रखने वाले मौलवी !
मालदा (प. बंगाल) : पश्चिम बंगाल के मालदा में महिलाओंका एक फुटबॉल मैच इसलिए रद्द करना पड़ा क्योंकि गांव के मौलवियोंने इसके खिलाफ फतवा जारी किया था। इस घटना से सभी प्लेयर्स शॉक्ड हैं।
घटना के बारे में बताते हुए रेजा राजी (प्रोग्रेसिव यूथ क्लब ऑफ हरिश्चंद्रपुर के प्रेजिडेंट) ने कहा, ‘मैंने कई लोगोंके साथ मिलकर १४ मार्च को एक फुटबॉल मैच का आयोजन किया था। मेरा मकसद था स्थानीय लड़कियों और महिलाओंको खेल में शामिल होने के लिए उत्साहित करना। लेकिन आखिरी क्षणों में जब हमारी कुछ प्लेयर्स मालदा पहुंच गई थीं, हमें यह मैच कैंसल करना पड़ा। गांव के कुछ मौलवी और दूसरे लोग हमारे खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना था कि गांव में महिलाओंका मैच होने से स्थानीय लड़कियों और महिलाओंपर बुरा असर पड़ेगा। कुछ लोगोंने मैच के दौरान लड़कियोंद्वारा पहनी जाने वाली ड्रेस पर सवाल उठाया तो कुछ ने कहा कि ऐसे खेल शरियत के खिलाफ हैं।’
रेजा ने बताया,’हमने मौलवियोंको समझाने की पूरी कोशिश की। मैं खुद एक मुस्लिम हूं और हर रोज नमाज भी अदा करता हूं। गांव में महिलाओंका फुटबॉल मैच करवाने में क्या गलत है? हमने प्रशासन से भी मदद मांगी लेकिन मौलवियोंके फतवे के सामने उन्होंने भी घुटने टेक दिये और हमें मैच कैंसल करना पड़ा। हम मालदा स्पोर्ट्स असोसिएशन के मेंबर हैं, हम असोसिएशन को इस बारे में चिट्ठी भी भेज रहे हैं।’ “
अर्जुन अवॉर्ड विनर औऱ वर्ल्ड कप में खेलने वाली शांति ने कहा, ‘मैं खुद कई दूसरे प्लेयर्स के साथ जाकर इस मैच में हिस्सा लेने वाली थी। यह पूरी तरह से स्पोर्टिंग वेंचर था। प्लेयर्स ने इसके लिए पैसे तक नहीं मांगे थे। मैं सोच भी नहीं सकती कि इक्कीसवीं सदी में ऐसी कोई बात हो सकती है। जैसे ही हमें पता चला कि लोकल ऐडमिनिस्ट्रेशन ने मौलवियोंके सामने घुटने टेक दिए हैं, हमने अपना दौरा रद्द कर दिया।’ शांति इस समय कोलकाता के रविंद्र सरोवर स्टेडियम में उभरती महिला फुटबोलर्स को ट्रेनिंग देती हैं। उन्होंने बताया कि बहुत सी लड़कियां मुझसे फुटबॉल सीखने आती हैं और उनमें से कई मुस्लिम परिवार से होती हैं।
हरिश्चंद्रपुर के ब्लॉक डिवेलपमेंट ऑफिसर बिप्लव रॉय ने माना कि कुछ स्थानीय मुस्लिमोंके विरोध से महिलाओंका फुटबॉल मैच रद्द करना पड़ा। रॉय ने कहा,’जब मुझे इसका पता चला तो मैंने एसपी, लोकल पुलिस स्टेशन और डीएम को इस बारे में बताया। मुझे अधिकारियोंसे मैच कैंसल कराने का आदेश मिला और गांव की शांति बनाए रखने के लिए मैंने वैसा ही किया।’ हालांकि कुछ गांव वालोंका कहना है कि स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेताओंका झुकाव मौलवियोंकी तरफ है शायद इसलिए भी मैच कैंसल कर दिया गया।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स
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