अजमेर, 30 मार्च (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में आज आजाद मैदान अजमेर पर प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन आयोजत किया गया. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल जी ओक मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम का प्रारम्भ भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. इसके पश्चात अजयमेरू महानगर के माननीय संघचालक सुनील दत्त जी जैन द्वारा संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 2015 में पारित प्रस्तावों का वाचन किया गया. प्रथम प्रस्ताव प्राथमिक शिक्षा मातृ भाषा में हो, द्वितीय प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 जून को अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस स्वीकार करवाने के भारत सरकार के प्रयत्नों की प्रशंसा की गयी.
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अनिल जी ओक ने कहा कि हिन्दुत्व ही राष्ट्रीयत्व है. उन्होंने बताया कि हिन्दू यह शब्द किसी पूजा पद्धति का पर्याय नहीं है, अपितु संस्कृति है. लाखों वर्षो से संचित ऐसे मूल्यों का पर्याय है, जिसकी बड़ी कीमत हमारे पूर्वजों ने चुकाई है. राम, भरत, सावित्री, चाफेकर बन्धुओं की मां और गुरूगोविन्द सिंह के पुत्रों का उदाहरण देते स्पष्ट किया कि कीमत चुकाने पर ही मूल्य स्थापित होते हैं. भारत की धरती पर इसी प्रकार के मूल्यों का संचय हिन्दुत्व के नाम से जाना जाता है. यही हिन्दुत्व का भाव जब-जब कमजोर हुआ, तब भारत पर संकट आये.
उन्होंने सावरकर का उदाहरण देते स्पष्ट किया कि स्वयं निर्वंश रहकर देश हित में जीवन जीने वाले ही हमारे वास्तविक पूर्वज हैं जो युगों तक प्रेरणा देते है. अपने घरों पर हम ऐसे महापुरूषों के चित्र ही लगाते हैं, जिन्होंने अपना जीवन देशहित में जिया है. हमारे यहां धन की नहीं त्याग की पूजा की जाती है. उन्होंने समाज से आह्नवान किया कि वे हिन्दुत्व और संघ के सन्दर्भ में अनुभव के आधार पर अपना प्रबोधन स्वयं करें और संघ के समर्थक ही नहीं, अपितु स्वयंसेवक बनें ताकि विश्व को भारत के जिस स्वरूप की प्रतीक्षा है, वह शक्ति वैभव-सम्पन्न भारत हम शीघ्र निर्मित कर सकें.
कार्यक्रम में प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. कार्यक्रम के अन्त में माननीय महानगर सह संघचालक जगदीश जी राणा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया. कार्यक्रम का समापन वन्दे मातरम् के साथ हुआ. कार्यक्रम का संचालन सुशील जी बिसु द्वारा किया गया. अतिथियों का परिचय निरंजन जी शर्मा द्वारा करवाया गया.
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