राउरकेला : योग में राम, रहीम का अंतर नहीं। यह एक विधि है, जिससे आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। राउरकेला के सेक्टर 2 में 1978 से संचालित उत्कल योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में आकर अब तक 150 से अधिक अल्पसंख्यक समाज विशेष कर मुस्लिम व ईसाई समुदाय के लोग लोग प्रशिक्षण ले चुके हैं। बिहार के रहने वाले योग प्रशिक्षक स्वामी सत्यबिन्दु सरस्वती जी ने दावा किया कि अब तक वह खुद मुस्लिम समाज के करीब 20 व ईसाई संप्रदाय 130 से अधिक लोगों को योग का प्रशिक्षण दे चुके हैं। आगामी 21 जून को घोषित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने को लेकर मचे बवाल के बीच सामने आई हकीकत यह बताने के लिए काफी है कि योग को हिन्दू धर्म की साधना विधि बताकर कुछ लोग चाहें जितना नाक-भौंह बना लें। खुद को स्वस्थ रखने के लिए लोग अब योग को अपनाने में किसी तरह का परहेज नहीं कर रहे। योग केंद्र में लगभग 20 हजार से अधिक लोगों को योग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। गायत्री योग साधना ट्रस्ट की ओर से इस केंद्र का संचालन किया जा रहा है।
कुछ ऐसा है योग :'योग' शब्द का अर्थ है: समाधि
अर्थात् चित्त वृत्तियों का निरोध। गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है'योग: कर्मसु कौशलम्'(\ढ्ढकर्मो में कुशलता को योग कहते हैं\ढ्ढ)। कुछ विद्वानों का मत है
कि जीवात्मा और परमात्मा के मिल जाने को योग कहते हैं। पंतजलि
ने योगदर्शन में परिभाषा दी है'योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:', चित्त की
वृत्तियों के निरोध = पूर्णतया रुक जाने का नाम योग है। इस वाक्य के दो
अर्थ हो सकते हैं: चित्तवृत्तियों के निरोध की अवस्था का नाम योग है या इस
अवस्था को लाने के उपाय को योग कहते हैं। बौद्ध ही नहीं, मुस्लिम सूफ़ी और ईसाई भी किसी न किसी प्रकार अपने संप्रदाय की मान्यताओं और दार्शनिक सिद्धांतों के साथ उसका सामंजस्य स्थापित कर लेते हैं।
योग दिवस पर देंगे मुफ्त प्रशिक्षण
योग केंद्र में आगामी 21 से 30 जून तक योग का निश्शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले दिन संध्या पांच बजे से साढ़े सात बजे तक विशिष्ट योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। केंद्र ने शिविर में शामिल होने के लिए शहरवासियों से अपील की है।
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आनंद आया
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