मेरठ (विसंकें). ‘‘शरीर के सभी रोगों का एकमात्र उपचार केवल और केवल योग है. मनुष्य को अपने शरीर को निरोगी रखने सकारात्मकता के साथ कार्य करने के लिये योग से जुड़ना ही होगा.’’ क्रीडा भारती द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित सात दिवसीय (15 से 21 जून2015) निःशुल्क योग शिविर में योग गुरू स्वामी कर्मवीर जी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व योग की महत्ता को पहचान चुका है और जिस बात को वेदों में भारत के महान महर्षियों ने सदियों से कहा, उसी बात को आज इक्कीसवीं सदी में पूरा विश्व समर्थन देने के साथ ही साथ उसे आत्मसात कर रहा है. भारत के प्रधानमंत्री की सार्थक पहल का ही परिणाम है कि आज संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की.
उन्होंने शिविर में आए लोगों को प्राणायाम तथा योगासनों का अभ्यास करवाया. साथ ही समस्त आसों के अभ्यास से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में भी जानकारी दी. मधुमेह, उच्च रक्तचाप, श्वास की बीमारी, थायराइड, मोटापा, वजन का कम होना, जोड़ों का दर्द, पेट से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ शरीर में होने वाली प्रत्येक बीमारी योग से दूर हो सकती है. शरीर के अंदर होने वाली अधिकांश बीमारियां मानसिक तनाव के कारण होती हैं. ध्यान एवं योग ही एकमात्र ऐसा रास्ता है जो मानसिक तनाव को खत्म करने के साथ-साथ मनुष्य को बीमारी से दूर रखता है.
उन्होंने योग युक्त मानव – रोग मुक्त मानव का नारा दिया. व कहा कि सम्पूर्ण विश्व में जितनी भी उपचार की पद्धतियां हैं, लगभग सभी में बीमारी होने के बाद उसके इलाज की व्यवस्था है. लेकिन केवल आयुर्वेद ही एकमात्र ऐसी पद्धति है जो बीमारी से बचने के उपाय पहले ही बताती है. कार्यक्रम में सभी धर्मों के लोगों ने योगाभ्यास में भाग लिया. शिविर का समापन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून को होगा.
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