Wednesday, May 13, 2015

स्वविवेक के आधार पर राष्ट्र के हित और अहित मे अंतर करना होगा – अशोक मलिक

जालंधर (विसंकें). देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर ‘देश हित में पत्रकारिता का महत्व’ विषय पर विश्व संवाद केन्द्र पंजाब की ओर से पटियाला के नगर निगम सभागार में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी का आरंम्भ मां भारती को पुष्प अर्पित और दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. कार्यक्रम में डॉ हरजिन्द्र सिंह वालिया प्रमुख पत्रकारिता और जन संचार विभाग पंजाबी यूनिवर्सिटी मुख्य अतिथि और वरिष्ठ पत्रकार अशोक मलिक जी, संपादक जनजाग्रति पत्रिका, मुख्यवक्ता के तौर पर उपस्थित रहे.
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अशोक मलिक जी ने कहा कि मीडिया जन प्रतिनिधियों और लोगों के बीच पुल का काम करते हुये अपने दायित्व को निभाता है, ऐसे में मीडिया को आज विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का लाभ उठाते हुए स्वविवेक के आधार पर राष्ट्र के हित और अहित में अंतर करना होगा. आदि पत्रकार देवर्षि नारद के चरित्र को चुगलखोर के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जबकि सच्चाई यह नहीं है. नारद जी पत्रकारों के आदर्श हैं. उन्होंने पत्रकारिता के उच्च मानदंड स्थापित किए. वह लोक कल्याण की भावना के साथ समाचारों को पूरी सृष्टि में संचारित करने का कार्य करते थे. देवर्षि नारद दुनिया के पहले पत्रकार हुए हैं, जिन्होंने बहुजन हिताय सर्वजन सुखाय का मंत्र लेकर सूचनाओं का अदान प्रदान शुरू किया. आज के समाज को भी नारदीय परम्परा की जरूरत है. आज इस बात की भी जरूरत है कि रचनात्मक कार्यो के समाचारों को अधिक महत्व दिया जाये. मलिक ने कहा कि खबर तथ्यों के आधार पर होनी चाहिये. हमें अंधी दौड में शामिल न होकर देश के प्रति अपने दायित्व को समझना होगा. आज विदेशी पूंजी निवेश के दौर में मीडिया की सबसे बड़ी चुनौती निष्ठा की है. विदेशी स्वामित्व के चलते राष्ट्रविरोधी विचारों को सिरे से नकारना होगा. हमें सूचना के स्रोतों को सशक्त व आर्थिक रूप से मजबूत करने पर जोर देना होगा.
मुख्य अतिथि डॉ हरजिन्द्र वालिया ने मीडिया को लोकजीवन का दर्पण बताते कहा कि भारतीय मीडिया को पूरी निष्पक्षता से अपनी कलम का इस्तेमाल करना चाहिए. देश के चौथे सतम्भ के तौर पर जानी जाती पत्रकारिता बेशक अपना रोल बाखूबी अदा कर रही है. पर अगर इसकी कलम की धार को साकारात्मक दिशा में चलाया जाये तो इसके नतीजे और भी अच्छे आ सकते हैं.

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