नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने गोमांस पर दिए अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है। उन्होंने कहा कि खानपान को लेकर विवाद ठीक नहीं है और बहुसंख्यकों की भावनाओं का ख्याल रखा जाना चाहिए।
एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, 'भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और राज्यों में फूड हैबिट किसी पर थोपी नहीं जा सकतीं। जहां हिंदू बहुसंख्यक है, उनकी आस्था और मान्यताओं का सम्मान किया जाना चाहिए।'
गौरतलब है कि इससे पहले गोमांस पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के बयान पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में किरण ने कहा था कि मैं गाेमांस खाता हूं और अरुणाचल प्रदेश से हूं, क्या कोई मुझे ऐसा करने से रोक सकता है। आप किसी को ऐसा करने से रोक नहीं सकते। ये एक लोकतांत्रिक देश है और कई बार ऐसे बयान आते हैं जिन्हें अच्छा नहीं कहा जा सकता।
रिजिजू ने कहा कि अगर मिजोरम का कोई ईसाई यह कहता है कि यह जीसस की भूमि है तो इससे पंजाब और हरियाणा में किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। हमें हर जगह के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि अगर महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जो कि हिंदू बहुल राज्य हैं और वहां की सरकारें उनके हिसाब से कानून बनाती हैं तो उन्हें ऐसा करने का हक है लेकिन हमारे क्षेत्र में भी लोगों की भावनाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। हमें भी अपने ढंग से जीने का हक मिलना चाहिए। इस देश में कई धर्म और मत हैं लेकिन हमें एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। किसी पर भी अपने विचार थोपना सही नहीं है।
'मंत्री हो या संतरी जनभावना का सम्मान करें'
इस बीच, भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए कहा कि देश का बहुसंख्यक वर्ग गोहत्या पर प्रतिबंध चाहता है। चाहे मंत्री हो या संतरी उसे जनभावना का सम्मान करना चाहिए।
बताते दें कि मुख्तार अब्बास नकवी ने पिछले शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि अगर कुछ लोग गाेमांस खाने के लिए मरे जा रहे हैं तो यहां उन्हें यह नहीं मिलेगा। वे पाकिस्तान या किसी अरब देश में या दुनिया के अन्य किसी भी हिस्से में जहां यह मिलता हो, वहां जाकर गाेमांस खा सकते हैं।
स्त्रोत : दैनिक
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