Friday, May 29, 2015

विनायक दामोदर सावरकर का त्याग एवं बलिदान अतुलनीय

भुवनेश्वर :
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में विनायक दामोदर सावरकर का त्याग एवं बलिदान अतुलनीय है। हमारा देश आज जिस प्रकार से हर क्षण जिस स्थिति से गुजर रहा है एवं बाग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या जिस हिसाब से बढ़ रही है, इस तरह की स्थिति में अखण्ड भारत के भूगोल को मजबूत करने के लिए सावरकर के त्याग व बलिदान को याद करने की जरूरत है। भारत रक्षा मंच ओडिशा की तरफ से आयोजित सावरकर की 128 वीं जयंती कार्यक्रम में भाग लेते हुए वक्ताओं ने उक्त बातें कही। स्थानीय बुद्ध मंदिर परिसर में रक्षा मंच के राज्य अध्यक्ष डॉ विमलेंदु महाती की अध्यक्षता में कार्यक्त्रम आयोजित किया गया। कार्यक्त्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर भाग लेकर पूर्व प्रशासक कल्याण राय ने सावरकर की वीरता एवं देश को आजाद कराने के लिए उनके योगदान के बारे में जानकारी दी। राय ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को सावरकर के जीवन आदर्श को अपने जीवन में अपनाना होगा। भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय सचिव अनिल धीर ने सावरकर देश के लिए किस प्रकार से कष्ट सहे थे एवं अण्डामान के सेलुलर जेल में जिस तरह से कैदी का जीवन गुजारे थे, उस संदर्भ में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सावरकर जी को भारतीय इतिहास में जो स्थान मिलना चाहिए वह आज तक नहीं मिल पाया है। भारत रक्षा मंच के सह संयोजक मुरली मनोहर शर्मा ने कहा कि सावरकर जैसे अद्वितीय स्वतंत्रता सेनानी का आदर्श वर्तमान समय में प्रासंगिक है। आज देश के स्वतंत्रता एवं अखंडता पर खतरा दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बाग्लादेशी गैर कानूनी ढंग से घुसपैठ कर रहे हैं उसके परिणाम स्वरूप भारत के फिर टुकड़े- टुकड़े होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इससे भारत की अखंडता को बनाए रखने के लिए हम सबको सावरकर के बलिदान को याद करना होगा। बाग्लादेशी अनुप्रवेशकारी को भारत की धरती से हटाने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी। भारत रक्षा मंच ने जो अपना अभियान शुरू किया है, इसे निर्णायक रूप देना होगा तथा इसे देशव्यापी करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत रक्षा मंच को इसमें आशिक सफलता भी मिली है। शर्मा ने कहा कि भोपाल केन्द्रीय जेल में बिना चार्जसीट के छह साल से कैदी जीवन बिता रही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के इलाज के लिए रक्षा मंच की तरफ से मनीआर्डर भेजने के लिए जो प्रयास शुरू किया गया है, उसके लिए उन्होंने हर किसी से सहयोग की अपील की। शर्मा ने कहा कि देश के प्रति हमारा जो कर्तव्य है उसका सही ढंग से पालन करना होगा। इस अवसर पर सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय अवदान के लिए भाषा साहित्य एवं संस्कृित क्षेत्र में परशुराम द्विवेदी तथा भारत विभाजन के प्रत्यक्ष दर्शी तथा स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र हंस को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य महासचिव देव प्रसाद मिश्र ने स्वागत भाषण दिया जबकि अन्यों के बीच राजेन्द्र साहू, प्रदीप त्रिपाठी, संतोष जेना, गिरिजा दाश, संपादक विजय साहू, कमलाकात बस्तिया, डॉ धर्मछड़ा, वनविहारी बेहेरा, पंगुराम, बाबाजी चरण साहू व अरुणेश राय सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।

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