Tuesday, May 19, 2015

महाराणा प्रताप की जयंती पर गड़िया लौहारों के स्थायी पुनर्वास के लिए उठी आवाज

देहरादून (विसंके). मंगलवार को रूद्राक्ष अभ्युदय नवचेतना संस्थान’ और अखिल भारतीय गड़िया  लौहार संगठन के तत्वाधान में देहरादून महानगर के निजी होटल के सभागार में वीर योद्धा महाराणा प्रताप की 475वीं जयंती का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग के सदस्य जस्टिस राजेश टंडन द्वारा किया गया. टंडन जी ने कहा कि आज गड़िया लौहार समाज के लोगों की स्थिति बहुत दयनीय है, हमें जागरूकता के माध्यम से लोगों को इनके अधिकारों को बताना होगा. साथ-साथ सरकारों को भी एक ऐसी नीति बनानी चाहिए जो इनके स्थायी आवास और इनके रहन-सहन तथा शैक्षिक स्तर को सुधार सके.
कार्यक्रम में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त कार्यवाह लक्ष्मीप्रसाद जायसवाल ने महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रकाश डाला. साथ-साथ उनके सहयोगी वंशजों के जीवन की कठिनाईयों पर चर्चा की. इस अवसर पर रूद्राक्ष अभ्युदय नवचेतना संस्थान’ की ओर से जस्टिस राजेश टंडन को गड़िया लौहार समाज के लोगों की मूलभूत स्थिति में सुधारों के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपा गया. संस्था की महासचिव अनुराधा सिंह ने कहा कि आज गडि़या समाज बहुत ही जटिल जीवन जी रहा है. समाज के लोगों के पास आज तक स्थायी घरव्यापार करने के लिए स्थायी स्थान तक नहीं है. लेकिन ये लोग महाराणा प्रताप की भांति राष्ट्रप्रेमी व स्वाभिमानी लोग है. इनके मानवाधिकारों की रक्षा करना हम सबका धर्म है.
Gadiya samaj 1 (2)कार्यक्रम की अध्यक्षता करते मेयर विनोद चमोली ने कहा कि मुझसे अपने स्तर पर जो भी मदद इनके लिए संभव हो सकेगी, करूंगा. चाहे सरकार जो भी हो, इनके अधिकारों के लिए आवाज उठाता रहूंगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक डॉ हरीश रौतेलाविशिष्ट अतिथि अनिल गोयल, संगठन महामंत्री संजय,संस्था के अध्यक्ष डॉ एके सिंहकार्यकारी अध्यक्ष विरेन्द्र वालिया सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र पन्त ने किया.

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