Tuesday, May 26, 2015

दिल्ली में आर्य समाज मंदिर तोड़े जाने के विरोध में प्रदर्शन

नई दिल्ली. उत्तरी दिल्ली के फिल्मिस्तान सिनेमा के नज़दीक डीसीएम रेलवे कॉलोनी स्थित आर्य समाज मंदिर को तोड़े जाने से आक्रोषित हिंदू धर्मावलंबियों ने रविवार को विरोध स्वरूप प्रदर्शन किया. दिल्ली भर से जुटे आर्य समाज, विश्व हिन्दू परिषद तथा अन्य धार्मिक संगठनों के लोगों, वरिष्ठ संतों और मूर्धन्य विद्वानों ने श्रद्धा, विश्वास, आध्यात्मिक ऊर्जा व राष्ट्र निर्माण के कार्य में प्रमुख भूमिका निभाने वाले मंदिर को तोड़े जाने पर गहरी नाराज़गी व्यक्त करते हुए इसके अविलंब पुनर्निर्माण की मांग की. प्रदर्शन से पूर्व महायज्ञ का आयोजन किया गया. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री विनय आर्य ने कहा कि आर्य समाज की शक्ति को यदि कोई कमतर आंकता है तो उसकी बहुत बड़ी भूल होगी. जब तक मूल स्थान पर भव्य मन्दिर निर्माण नहीं होगा, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा. प्रदर्शन के दौरान ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर रविंद्र गुप्ता के आश्वासन पर मंदिर के संदर्भ में आर्य समाज जो कहेगा, हम करेंगे, प्रदर्शनकारी शांत हुए. रानी झांसी रोड पर ट्रैफ़िक भी कुछ समय के लिये बाधित रहा.
20 मई को विकास कार्यों की आड़ में एमसीडी ने रेलवे कॉलोनी स्थित आर्य समाज मंदिर को पूरी तरह ज़मींदोज़ कर दिया था. यह खबर जैसे ही आर्य समाज व अन्य हिन्दूवादी संगठनों तक पहुंची तो लोग आक्रोष से भर उठे. दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा, आर्य केंद्रीय सभा तथा अन्य संगठनों के पदाधिकारियों में से कुछ संबंधित सरकारी अधिकारियों से मिले और कुछ ने साथ ही साथ तोड़े गए मंदिर का पुनर्निर्माण प्रारंभ कर सतत यज्ञ जारी रखा. प्रदर्शन से पूर्व आयोजित महायज्ञ के उपरांत विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि मंदिर तोड़े जाने की दुष्टता को हिंदू समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता. उन्होंने सरकारी तंत्र को जनहित के लिए मंदिरों के विनाश की बजाय विकास में सहभागी बनने को कहा, वहीं समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अधिकाधिक संख्या में नियमित रूप से मंदिरों की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया. जिससे कोई दुष्ट वृत्ति आंख भी न उठा सके. जब तक मन्दिर का पुन: निर्माण नहीं हो जाता विहिप कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे.
संक्षिप्त सूचना पर पहुंचे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों में आर्य विद्वान स्वामी प्रणवानंद, आचार्य वागीश, दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान धर्मपाल आर्य, आर्य केंद्रीय सभा के प्रधान व एमडीएच के संस्थापक महाशय धर्मपाल सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे.

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