भुवनेश्वर :
पुरी के शंकराचार्य मामले में आखिरकार श्री मंदिर प्रशासन ने अपना रुख नरम किया है। धार्मिक मामलों में सरकार के हस्तक्षेप पर शंकराचार्य निश्चला नंद सरस्वती का बयान आने के बाद श्री मंदिर परिचालन कमेटी नरम पड़ी है। स्नान पूर्णिमा में शंकराचार्य को स्नान मंड़प पर शिष्यों के साथ जाने की अनुमति को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि श्री मंदिर प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि केवल शंकारचार्य ही श्री- विग्रहों को स्पर्श कर सकते हैं उनके शिष्यों को यह अधिकार नहीं दिया जा सकता है। मंदिर प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि स्नान पूर्णिमा एवं रथ यात्रा को लेकर गजपति महाराज एवं मंदिर परिचालन कमेटी के सदस्य गोवर्धन पीठ जाकर शंकराचार्य से चर्चा करेंगे। गौरतलब है कि रथ पर चढ़कर भगवान को छूने एवं उनके दर्शन को लेकर पिछले साल शंकराचार्य के वक्तव्य के उपरांत सेवायतों एवं शंकराचार्य में ठन गई थी।
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