जालंधर (विसंकें). अमर शहीद व शेर-ए-पंजाब लाला लाजपतराय के जीवन का उद्देश्य देश को केवल अंग्रेजों की गुलामी से ही आजाद करवाना नहीं, बल्कि गरीबी, अशिक्षा जैसी समस्याओं से भी मुक्त करवाना था. लाला जी बहुमुखी प्रतिभा के स्वामी थे, वे न केवल श्रेष्ठ अधिवक्ता बल्कि उच्च कोटि के पत्रकार, कूटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक सुनील कुमार जी ने प्रकाशवती सर्वहितकारी विद्या मंदिर में लाला लाजपतराय जी की 150वीं जयंती वर्ष को समर्पित साहित्य रथ की रवानगी के मौके पर आयोजित समारोह में संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पंजाब नैशनल बैंक के संस्थापक निदेशक रहे लाला जी देश को आर्थिक रूप से भी संपन्न देखना चाहते थे और स्वदेशी के प्रबल समर्थक थे. इसी कारण उन्होंने बैंक व बीमा कंपनी की स्थापना कर आर्थिक स्वावलंबन की ओर पहला कदम उठाया. आज जब देश आर्थिक प्रगति के लिए पंख फडफ़ड़ा रहा है, ऐसे समय में लालाजी द्वारा दिए गए आर्थिक सिद्धांत हमारे लिए कारगर साबित हो सकते हैं. लाला जी ने साईमन कमीशन की वापसी को लेकर चले आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देकर अपना नाम इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में लिखवा लिया. सुनील जी ने कहा कि आज पूरा देश अपने उस महान सपूत का 150वीं जयंती वर्ष मना रहा है, आज आवश्यकता है लाला जी के सर्वांगीण जीवन का सही मूल्यांकन कर उससे समाज का मागदर्शन किया जाए.
साहित्य रथ के बारे में सर्वहितकारी शिक्षा समिति के प्रदेश संगठन मंत्री विजय जी नड्डा ने कहा कि इसका उद्देश्य लाला जी के जीवन वृतांतों से संबंधित साहित्य के साथ-साथ सद्साहित्य का समाज में प्रचार व प्रसार करना है. यह साहित्य पंजाब भर के स्कूल, कॉलेजों व सार्वजनिक स्थलों पर जाकर साहित्य प्रसार का काम करेगा. इस अवसर पर लालाजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए और देश के प्रति उनके योगदान का पुण्य स्मरण किया गया. समारोह में स्कूल की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष नरेश मल्होत्रा, प्रबंधक सुमेश लूथरा, प्रिंसिपल, स्टाफ के सदस्य व विद्यार्थी भी मौजूद थे.
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