दिल्ली. स्वदेशी जागरण मंच, दिल्ली द्वारा प्रांत सम्मेलन का आयोजन शहनाई वेंक्वेट हाल, सीलमपुर मैट्रो स्टेशन पर आयोजित किया गया. प्रात: 9 बजे से लेकर सायं 5 बजे तक के कार्यक्रम को 4 सत्रों में विभाजित किया गया था. कार्यक्रम में वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिद्रृश्य में स्वदेशी की भूमिका (FDI, Intellectual Property Rights, e-commerce एंव चीन से खतरे), प्रकृति और स्वदेशी (जी एम फूड, पर्यावरण, जल, भूमि अधिग्रहण, कृषि) जैसे विषय पर गहन चर्चा की गई.
मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक प्रो. अश्विनी महाजन, राष्ट्रीय सह संयोजक ने कहा कि देश की सरकारें कंपनियों के दबाव में उनके अनुसार काम करती हैं, हम उसका विरोध करते हैं. हमने कई बार देश हित में सरकार के निर्णय को बदलने के लिए मजबूर किया है. राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख प्रदीप दीपक जी ने कहा कि नासा रिपोर्ट के अनुसार आज विश्व में अधिकाधिक खाद के उपयोग से 175 करोड़ हेक्टेयर भूमि बंजर हो रही है. डीएपी खाद की वजह से 16 किलो प्रति व्यक्ति जहर का सेवन कर रहे है, जिसके कारण प्रति वर्ष 4.50० लाख लोग कैंसर से मर रहे हैं.
इग्नू की प्रो वीसी डॉ. सुषमा यादव ने कहा कि अमेरिका की नजर हमारी बौद्धिक सम्पदा पर है. वे छद्म तरीके से भारतीय संपदा का पेटेंट करा रहे हैं. हमारे देश की परंपरा महान है. स्वदेशी की भावना का अर्थ है देश भक्ति. अंग्रेजी शिक्षा पद्धति ने देश का बहुत नुकसान किया है. मुझसे छात्र पूछते हैं कि किताबों में हमें अरस्तू, प्लूटो पढ़ाया जाता है, किन्तु हमारे देश के महापुरुष चाणक्य, चरक, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, लीलावती को क्यों नहीं पढ़ाया जाता. बैठक में सभी वक्ताओं ने अनुरोध किया कि अपने घरों में स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें, जिससे देश आर्थिक रुप से मजबूत होगा. कार्यक्रम में राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल जी, उत्तर क्षेत्र संगठक सतीस जी, सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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