देहरादून (विसंके). छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिशद ने प्रदेश में शैक्षिक भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, अव्यवस्थाओं के खिलाफ तथा पलायन को रोकने के लिए महासंग्राम रैली का आयोजन किया. रैली में छात्रों का हुजूम उत्साह को दोगुना कर रहा था. झमाझम बारिश के बाद भी छात्रों को मनोबल कम नहीं था और युवा जोश के साथ आगे बढ़ रहे थे.
मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने के लिए हजारों की संख्या में युवा पहाड़ों से रेंजर्स ग्राउंड में पहुंचे थे. कार्यक्रम के अनुसार रैली रेंजर्स ग्राउंड से शुरू होकर लैंसडाउन चौक, कनक चौक, ग्लोब चौक, दिलाराम बाजार से होते हुए मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना हुई. जैसे ही रैली में शामिल युवा हाथीबड़कला स्थित पुलिस चौकी के पास पहुंचे, वहां पहले से तैयार पुलिस बल ने उन्हें बेरीकेटिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया. जिस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता उग्र हो गए. दूसरी ओर पुलिस ने छात्रों को रोकने के लिए पुलिसिया कार्यवाही शुरू कर दी, पहले पानी की बौछारें छोड़ी गईं, इसके बाद भी छात्र नहीं रुके तो उन पर आंसू गैस भी छोड़ी गई. छात्र नेताओं का कहना है कि पुलिस ने सरकार के इशारे पर कार्य किया और छात्रों पर कार्रवाई की. उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा की दशा अत्यंत दयनीय बनी हुई है, प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक के छात्र समस्याओं से परेशान हैं, चाहे उच्च शिक्षा हो या प्राथमिक शिक्षा, या माध्यमिक शिक्षा हर तरफ स्थिति दयनीय ही बनी हुई है. रही सही कसर कुकुरमुत्तों की तरह प्रदेश में उग आए निजी संस्थानों ने पूरी कर दी है, जो पूरी तरह से छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों का आर्थिक दोहन करने में जुटे हुए हैं. छात्र नेताओं के अनुसार राज्य के प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों की हालत भी खराब है. सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है, राज्य के 1800 से अधिक प्राथमिक विद्यालय या बंद हो गए हैं, या बंद होने की कगार पर हैं, परिषद का कहना है कि गत वर्ष स्नातक स्तर पर कॉलेजों में मेरिट के आधार पर प्रवेश होने के कारण पूरे प्रदेश में लगभग एक लाख 82 हजार छात्र प्रवेश से वंचित रहे, जो उनके मौलिक अधिकारों पर करारा प्रहार है, दुर्भाग्य तो यह है कि राज्य सरकार कहती बहुत कुछ है, पर करती कुछ नहीं है. राज्य सरकार ने कॉलेजों में प्रवेश लेने से वंचित रहे छात्रों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की.
राज्य में सरकारी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की स्थिति बिगड़ती जा रही है. छात्रों का परीक्षा परिणाम समय पर नहीं आने से भविष्य अधर में फंस रहा है. उस पर देर से परीक्षाओं का आयोजन, छात्रावासों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव, निजी संस्थानों में छात्रों के शोषण सहित अनेक समस्याएं हैं, जिनका जल्द समाधान किए जाने की आवश्यकता है. रैली का नेतृत्व राष्ट्रीय महामंत्री हरिभाई बोरेकर ने किया. क्षेत्रीय संगठन मंत्री धर्मपाल, संगठन मंत्री बृजेश बनकोटी, अध्यक्ष रमाकांत श्रीवास्तव, लोकेश कालाकोटी, संयोजक आशीष बहुगुणा सहित अन्य पदाधिकारी, कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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