Wednesday, August 19, 2015

जिहादीयोंद्वारा यदि पुलिस ही मार खा रही हो तो एेसी पुलिस क्या काम की ?

नई देहली – पूर्वी देहली के नेहरू कैंप इलाके के मंडावली में एक पुलिस दल पर जिहादीयोंद्वारा हमला किए जाने के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। लोगों का कहना है कि पुलिस दल पीडब्ल्यूडी की जमीन पर बनी एक मस्जिद को गिराने की कोशिश कर रही थी।
कट्टरपंथियों ने पुलिस की गाडी पर पत्थर फेंके, जिसमें २ कॉन्स्टेबल घायल हो गए। हमले की इस घटना के बाद पुलिस ने इलाके में जगह-जगह छापेमारी की। एक महिला सहित १२ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस ने सभी पकडे गए लोगों पर दंगा-फसाद करने, डाका डालने और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी पर हमला करने का मामला दर्ज किया है।
घटना रविवार शाम की है। शनिवार दोपहर को पुलिस के पीसीआर दल को उक्त इलाके में लड़ाई की एक शिकायत मिली थी। जब पुलिस दल बताई गई जगह पर पहुंचा तब स्थानीय लोगों ने उनपर मस्जिद को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उधर, पुलिस दल का दावा है कि नेहरू कैंप के जिस ८X१० स्क्वेयर फुट के विवादित क्षेत्र का इस्तेमाल धार्मिक जगह के तौर पर किया जा रहा था वह पहले से ही क्षतिग्रस्त था। पुलिस का दावा है कि उन्होंने विवादित स्थल को हाथ भी नहीं लगाया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पूरी घटना के बारे में बताते हुए कहा कि मस्जिद के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा विवादित कमरा एक व्यक्ति का था। उसने अपना कमरा अल्पसंख्याक परिवार को किराए पर दिया था। पिछले २ महीने से उक्त कमरे का उपयोग एक मस्जिद के तौर पर होने लगा है।
आरोप है कि जब कमरे के मालिक ने किराएदारों को कमरा खाली करने के लिए कहा तो उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसी बात पर मकान मालिक और किराएदार के बीच में बहस और लड़ाई शुरू हो गई, जिसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पूरा मामला जानने के बाद मकान मालिक के पक्ष में फैसला दिया।
इस घटना के बाद रविवार को शाम के समय जब हेड कॉन्स्टेबल सोमपाल और कॉन्स्टेबल अजित मंडावली पुलिस स्टेशन की ओर जा रहे थे तब उन्होंने गौर किया कि कुछ लोग हाथ में डंडे और पत्थर लेकर उन दोनों का पीछा कर रहे हैं। हेड कॉन्स्टेबल सोमपाल, जो कि पकड़े गए १२ लोगों के खिलाफ लिखवाई गई शिकायत में शिकायतकर्ता हैं, का कहना है कि पीछा कर रहे लोगों ने उनपर और अजित पर पत्थर फेंककर हमला किया और उन्हें मारा भी। दोनों पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं।
पुलिस ने विवादित कमरे में रह रहे किराएदार परिवार के अजमेरी और नूर-उन्हूदा को भी गिरफ्तार किया है। किराएदारों का आरोप है कि पुलिस ने शाम को उनके कमरे पर आकर प्रार्थना में बाधा खड़ी की। उनका यह भी कहना है कि कमरे को पिछले ५ महीने से मस्जिद के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।
एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘उक्त कमरा अवैध है और उसे PWD की जमीन पर बनाया गया है। सरकारी जमीन हथियाने की कोशिश की जा रही है। वह कोई मस्जिद या धार्मिक जगह नहीं थी। वह बस एक कमरा था, जिसका इस्तेमाल पिछले कुछ दिनों से धार्मिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा था।’
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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