जोधपुर (विसंकें). स्वदेशी जागरण मंच जोधपुर प्रांत द्वारा ‘‘भारतीय औद्योगिक विकास के लिए स्वदेशी अवधारणा’’ विषय पर जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार में प्रांतीय संगोष्ठी आयोजित की गयी. संगोष्ठी में क्षेत्रीय संघचालक राजस्थान व अखिल भारतीय सह संयोजक स्वदेशी जागरण मंच डॉ. भगवती प्रकाश शर्मा ने बताया कि देश के उद्योगों को बढ़ाने के लिए तकनीकी राष्ट्रवाद की आवश्यकता है. अमेरिका, चीन इसी राष्ट्रवाद के कारण वैश्वीकरण में लीड कर रहे हैं. देश में उद्यमता को अनुकूल वातावरण देने की जरूरत है. तभी हम विश्व का नेतृत्व करने वाला राष्ट्र बन पाएंगे. आज विश्व की कुल जीडीपी में हमारा योग मात्र 2.04 प्रतिशत है, जबकि 1500 वर्ष पहले 32 प्रतिशत था. उस समय हमारे देश में सभी उद्योग फलफूल रहे थे. जोधपुर में भी अलग-अलग उद्योग सहायता समूह बनाकर आरएण्डडी विकसित करने की जरूरत है. सोलर ऊर्जा, स्टील उद्योग, ग्वारगम, हैण्डीक्राफ्ट आदि में इसके द्वारा जोधपुर देश का शीर्ष औद्योगिक शहर बनने की क्षमता रखता है. केवल इनकी उचित ब्रांडिंग की आवश्यकता है. इसके लिए तकनीकी लोगों के सहयोग की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हम चीनी माल खरीद कर अपने देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वर्ष 1917 में एक रुपये में 13 डॉलर आते थे, आज 63 रुपये में 1 डॉलर आ रहा है. इसका मुख्य कारण विदेशी व्यापार घाटा है. इसको हम स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर रोक सकते है. वर्ष 1947 से 1991 तक समाजवाद के कारण हमारी कम्पनियों का विकास अवरूद्ध हो गया. आज भी विभिन्न लाइसेंसों द्वारा यह अवरूद्ध है. इसे हटाने की आवश्यकता है.
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि स्वदेश जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल जी ने कहा कि राजस्थान की धरती के अन्दर सोना है और यहां की गर्मी आने वाले दिनों में सोलर ऊर्जा द्वारा पूरे देश को रोशन करेगी. उद्यमियों को कहा कि उन्हें आरएण्डडी में अधिक निवेश की आवश्यकता है. नयी-नयी तकनीकों को अपनाकर ही हम विश्व की एक मजबूत आर्थिक ताकत बन सकते हैं. सरकार का भी दायित्व है कि उन्हें खुला वातावरण प्रदान करें तथा रिसर्च के लिए वास्तविक छूट प्रदान करें. आज विश्व के कई देशों को हमारे फार्मा, सोलर, आईटी सेक्टरों से ईर्श्या है तथा वह इसे रोकने के लिए कई अवैध प्रतिबिम्बों का सहारा ले रहे हैं. स्वदेशी जागरण मंच ऐसे बौद्धिक लोगों का समूह है जो राष्ट्रवादी राजनेता व उद्योगेपतियों को साथ लेकर देश को समृद्ध बना सकता है और सभी वर्गों को समान रूप से लाभ मिले, इसके लिए चिन्तन व प्रयास करता है.
कश्मीरी लाल जी ने कहा कि कार्यकर्ताओं को जागरूक रहने की आवश्यकता है, तभी वह समाज को जागृत कर सकेगा. मंच के उत्तर भारत के संगठक सतीश कुमार ने राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए कार्यकर्ताओं को कमर कसने को कहा तथा कहा कि स्वदेशी विचारधारा को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने की आवश्यकता है.
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. रामगोपाल ने बताया कि स्वदेशी, स्वालंबी व स्वाभिमानी लोगों के द्वारा ही एक आदर्श देश का निर्माण होता है और मंच ऐसे ही लोगों का समूह, संगठन है, जो देश निर्माण के लिए आम लोगों, युवाओं को जागृत कर रहा है. उन्होंने कहा कि अच्छा उत्पाद वही है जिसमें ग्राहक का लाभ छिपा हो. हमारी स्वदेशी कम्पनियां इसी ध्येय से उत्पाद बनाती हैं. इसके लिए हमें जीरो डिफेक्ट प्रबन्धन करना पड़ेगा, टोटल क्वालिटी मेंटेन करनी पड़ेगी. यदि आज हम संकल्प लें कि हम चाईनीज वस्तुओं को उपयोग नहीं करेंगे तो कुछ ही वर्षो में चाइना टूट जायेगा. संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि जेआइए के उपाध्यक्ष रमेश गांधी ने बताया कि आज लघु कुटीर उद्योगों को बचाने की जरूरत है. और विदेशी उत्पादों के कारण जो धन देश से बाहर जा रहा है, इसे स्वदेशी अपनाकर रोकना है. जिससे सभी को रोजगार प्राप्त होगा.
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