मेरठ (विसंकें). मा. क्षेत्र संघचालक डॉ. दर्शन लाल अरोड़ा ने कहा कि जिस प्रकार भगवान राम ने साधारण जनजातियों का संगठन कर दुष्ट महाबली रावण व उसकी शक्तिशाली सेना पर विजय प्राप्त की. उसी प्रकार डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने हिन्दू समाज को संगठित करने का कार्य शरू किया. समाज को विस्मृति, जड़ता, दीनता से मुक्त कराने तथा अपनी शक्ति की पहचान कराने लिये 1925 में विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की. क्षेत्र संघचालक जी त्यागी छात्रावास के मैदान में विजयादशमी के उपलक्ष्य में आयोजित शस्त्र पूजन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि पूर्व में भारत एक वैभवशाली, शक्ति सम्पन्न राष्ट्र था. सिकन्दर की विशाल सेना को भी हमारे एक छोटे राज्य की सेना ने परास्त किया. इतनी धन सम्पदा थी कि विदेशियों की गिद्ध दृष्टि लगी रहती थी. हमारे पास विश्व को ज्ञान देने के लिये नालन्दा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय थे. लेकिन हम सैकड़ों वर्षों तक आक्रांताओं की दासता में रहे और संघर्ष करते रहना पड़ा. हमारी इस स्थिति का कारण था, एक राष्ट्र, एक समाज की भावना का पतन होना है. उन्होंने कहा कि असंगठित समाज, दुर्बल व पराधीन हो जाता है. जबकि शक्तिशाली समाज विजयशाली होता है. हमारे राष्ट्र की अधोगति का मुख्य कारण असंगठित हिन्दू समाज ही था. विगत 90 वर्षों के लगातार परिश्रम एवं प्रयासों से हिन्दू समाज में नव चेतना जगी है. उत्साह, विजयी भाव का संचार हुआ है. अनुकूल परिस्थितियों में कार्य की गति बढ़ रही है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रान्त संघचालक सूर्यप्रकाश जी ने की. इस अवसर पर सर्वप्रथम शस्त्र पूजन हुआ. तत्पश्चात पथ संचलन निकाला गया. पथसंचलन का स्थान-स्थान पर विजयी नारों एवं पुष्पवर्षा द्वारा भव्य स्वागत किया गया. कार्यक्रम में वरिष्ठ स्वयंसेवक, गणमान्यजन उपस्थित थे. बालकृष्ण नायक (अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिषद्), सोनपाल (संगठन मंत्री किसान संघ), अनिल जी (सेवा भारती), वरिष्ठ स्वयंसेवक रणजीत सिंह (95वर्ष) शामिल थे.
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