अंबाला (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजय दशमी एवं स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने शस्त्रों का पूजन करने के साथ ही पथ संचलन में भाग लिया. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रांत सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख राजेश कुमार जी रहे.
उन्होंने कहा कि वर्ष 1925 में विजय दशमी के दिन डॉ. केशवराम बलिराम हेडगेवार जी ने नागपुर में संघ की स्थापना की थी. राजेश जी ने संघ की स्थापना के उद्देश्यों और लक्ष्य के बारे में विस्तार से चर्चा की. देश की वर्तमान स्थिति और उसमें स्वयंसेवकों की भूमिका के बारे में भी बताया. आज भी देश को डॉ. हेडगेवार, श्री गुरुजी के दृष्टिकोण की आवश्यकता है. हिंदू समाज के संगठन के लिए कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे ही भारत भूमि अखंड रह सकती है. इसके लिए सभी समाजों को मतभेद भुलाकर संगठन के मंच पर आना होगा. उन्होंने कहा कि विभिन्न सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एकजुट होकर ही उन्हें समाप्त किया जा सकता है. हिंदुत्व ही राष्ट्र का आधार है, संघ हिंदुत्व से कभी कोई समझौता नहीं करेगा. राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ यदि मुस्लिम विरोधी होता तो पिछले समय कश्मीर में आई भयंकर बाढ़ में बचाव व राहत कार्यों में क्यों लगता? मुस्लिम विरोधी होने संबंधी अफवाहें केवल वही लोग फैलाते हैं, जिन्हें इस राष्ट्र से प्यार नहीं है. उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना किसी के विरोध के लिए नहीं, अपितु भारत को परम वैभवशाली बनाने के उद्देश्य को लेकर डॉ. हेडगेवार जी ने की थी.
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई में कई बार जेल यात्राएं करते हुए संघ संस्थापक के मन में यह बात आई कि जब तक हम संगठित रहे तो जगतगुरु बने रहे, लेकिन जैसे ही विघटन हुआ गुलामी की जंजीरों में जकड़े गए. इसी निष्कर्ष के बाद देश के लोगों में गौरव का भाव जगाने और संगठित करने के लिए संघ की स्थापना की गई. संघ की भावी योजनाओं के बारे बताया कि गांवों का सर्वांगीण विकास करवाना संघ की प्राथमिकताओं में है. गौ संवर्धन का संघ के लिए विशेष महत्व है. आज पूरे देश में ही नहीं बल्कि विश्व भर में संघ की कार्यप्रणाली को माना जाने लगा है. संघ के स्वयंसेवक अपनी क्षमता के अनुसार संघ के उद्देश्यों को पूरा करने में जुटे हैं.
विभाग प्रचारक भूषण कुमार, नगर संघ चालक राधा कृष्ण, सह संघचालक डॉ. सतपाल बहल सहित अन्य गणमान्य उफस्थित रहे. कार्यक्रम में राम-कृष्ण, चाणक्य, केशव व सावरकर मंडलों की 21 शाखाओं के स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया. आठ सौ से अधिक स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में शहर के सेक्टर-8 के पार्क से पथ संचलन प्रारंभ किया जो सेक्टर-8 के विभिन्न मार्गों से होता हुआ जलबेड़ा रोड, मानव चौक, बादशाही बाग, कोर्ट रोड से होते हुए आयोजन स्थल पर पहुंच संपन्न हुआ. कई जगह पथ संचलन का पुष्प वर्षा से स्वागत हुआ.
No comments:
Post a Comment