Friday, October 23, 2015

महासत्ता बनाने की अपेक्षा विश्व को दिशा देने वाला भारत बनाएंगे – सुरेश भय्या जी जोशी

मुंबई (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने कहा कि भारत को विश्व पर अधिकार जताने की अपेक्षा वाली महासत्ता बनाने की बजाय, विश्व में सुरक्षित मानव जीवन विकसित करने का मार्गदर्शन देने वाला महान देश बनाना महत्वपूर्ण है. किसी भी देश या समाज में कोई भी व्यक्ति सुख व समाधान के साथ रहने का प्रयत्न करते हुए जीवन पसंद करता है, परंतु भौतिक साधनों से मिलने वाले आनंद व समाधान की एक मर्यादा होती है. उस आधार पर जीवन जीने वाले सुखी दिखते हैं, परंतु प्रत्यक्ष में ऐसा होता नहीं है. वर्तमान समाज की भी यही स्थिति है.
वह हिन्दुस्थान समाचार के महाराष्ट्र व गोवा केंद्र के तत्वावधान में स्व. श्रीकांतजी जोशी स्मृति व्याख्यान और मेक इन महाराष्ट्र अर्थात उद्यमशील महाराष्ट्र नामक विशेषांक प्रकाशन समारोह में संबोधित कर रहे थे. स्व. श्रीकांतजी जोशी स्मृति व्याख्यान का यह दूसरा वर्ष था. भारतीय मूल्यों के दृष्टिकोण से समग्र विकास की संकल्पना इस वर्ष के व्याख्यान का विषय था. यह समारोह चर्चगेट स्थित बालचंद हीराचंद सभागृह में आयोजित किया गया. समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, हिंदुस्थान समाचार के राष्ट्रीय संचालक रवींद्र संघवी, हिंदुस्थान समाचार के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिभाउ मिरासदार, हिन्दुस्थान समाचार के महाराष्ट्र व गोवा केंद्र के व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष परेशकांत मांगलिक और वैज्ञानिक, बांधकाम व्यवसायी सुरेश हावरे उपस्थित थे. समारोह में सामाजिक, राजकीय और उद्योग क्षेत्र के अनेक मान्यवर उपस्थित थे.
भय्या जी जोशी ने कहा कि समाज में आत्मसम्मान व बहुमान केवल भौतिक संपन्नता से नहीं मिलता है. इस संदर्भ में भारत में हुए चिंतन में भौतिक संपन्नता के बराबर जीवन मूल्यों को बहुत ही महत्व दिया गया है. भारत से बाहर गए भारतीय वहां संपन्न हैं, तो ही भारत को संपन्न माना जाता है. अपनी स्वत: की कमजोरी है, इसीलिए हम भारत से बाहर हैं. भारतीयों की ऐसी भावना है. उन्होंने कहा कि भारत में वर्षानुवर्ष विकसित हुई जीवन शैली की परंपरा का स्वाभिमान महत्वपूर्ण है. विकास की गति में यह स्वभिमान महत्वपूर्ण है. हम भारतीय विदेशों में जाते समय कभी शस्त्र नहीं ले गए, मात्र शास्त्र ले गए. विश्व का मंगल करने के लिए मंत्र ले गए. यह एक विकसित समाज का प्रकटीकरण है. भौतिक व शारीरिक संपन्नता आवश्यक है. स्वराज्य पाने के बाद पांच लड़ाईयां हमने जीती, यह पुरुषार्थ है. परंतु यह शक्ति संहारक नहीं, संरक्षक है. विकास करते समय किसी पर अन्याय नहीं होने देना भारतीय चिंतन है. दूसरी ओर विश्व को देने के लिए अन्य वस्तुएं हैं. लेकिन जितना आवश्यक है, उससे ज्यादा लेकर मर्यादा का उल्लंघन करने से पर्यावरण का प्रश्न आ खड़ा हुआ है. भारत निसर्ग को देवता मानकर जीने वाला समाज है. निसर्ग की पूजा व कर्मकांड की पूर्ति करना काम नहीं है, इसे समझना होगा. विश्व का नेतृत्व भारत करेगा, वह भी भौतिक संसाधनों पर दावा मिलने के लिए नहीं. विश्व को दिशा देने के लिए किया जाएगा. श्रेष्ठ विचारों व शक्ति के साथ समाज को देने के लिए विकास का मॉडल विश्व के सामने खड़ा करने की जवाबदारी वर्तमान भारत की वर्तमान पीढ़ी पर है.
37मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई मेक इन इंडिया से देश में बड़ी क्रांति का दौर शुरू हो चुका है. विश्व में सबसे ज्यादा युवकों की संख्या, विश्व में सबसे बड़ी, संवेदन लोकशाही, उसी प्रकार उत्पादन की मांग को देखते हुए तीन मुददों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया की घोषणा की थी, उसी के अनुसार मेक इन महाराष्ट्र योजना को हाथ में लिया गया है. विश्व में उद्योजकों के उत्पादन के लिए चीन के बाद पर्याय के रूप में दूसरे स्थान की जरूरत होती और उसके लिए भारत सभी दृष्टि से उपयुक्त है. ऐसा विश्व के अन्य देशों को लगता है. इस भावना को प्रतिसाद देने वाले यंत्र को खड़ा करना पड़ेगा. अपने उद्योगों को बढ़ाकर लघु व मध्यम परियोजनाओं का समूह तैयार करना व कौशल्य विकास का प्रशिक्षण देना होगा. उद्योजकों को उद्योग के संबंध में लेने वाले लाइसेंस की संख्या कम करना, जांच-पड़ताल लंबी अवधि में करने का विचार किया जा रहा है. सरकार द्वारा लिए गए निर्णय पर अमल करने के लिए अनुकूल व्यवस्था का निर्माण किया जाएगा.
वरिष्ठ उद्योजक सुरेश हावरे ने भी संबोधित किया. हिंदुस्थान समाचार के महाराष्ट्र व गोवा केंद्र के प्रमुख हरिभाउ मिरासदार ने प्रस्तावना रखते हुए कहा कि श्रीकांत जोशी जी ने हिंदुस्थान समाचार का नवोत्थान किया. विविध भारतीय भाषाओं में समाचार देने वाली हिंदुस्थान समाचार एकमेव संस्था है. यह पहचान बनाने के लिए श्रीकांत जोशी जी ने अथक प्रयास किया है. श्रीकांत जोशी व्याख्यान माला व मेक इन महाराष्ट्र पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित करके अतिथियों द्वारा किया गया.

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