पुणे (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने कहा कि “हिंदू समाज की शक्ति कभी भी विध्वंसक नहीं रही. बल्कि वह सज्जनों को आश्वस्त करने वाली है और दुर्जनों को सज्जन होने के लिए प्रेरणा देने वाली है. ऐसी सज्जनशक्ति का दर्शन ही शिव शक्ति संगम है. सरकार्यवाह संघ के पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत की ओर से आयोजित आगामी “शिव शक्ति संगम” के भूमि पूजन समारोह में बोल रहे थे. सागर आश्रम फुलगांव स्थित स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती के हाथों भूमि पूजन हिंजवडी के पास मारुंजी गांव पुणे में संपन्न हुआ. कार्यक्रम में संघ के प्रांत संघचालक नाना जाधव, पुणे महानगर संघचालक बापू घाटपांडे, संघ के अन्य पदाधिकारी, इस्कॉन के गोपती दास, देहू संस्थान के शिवाजी राव मोरे आदि मान्यवर उपस्थित थे. कार्यक्रम का पौरोहित्य समाज के वंचित घटकों से आए, पुरोहित का प्रशिक्षण लिए युवाओं ने किया.
सरकार्यवाह ने कहा कि दुर्जनता तभी समाप्त होती है, जब सज्जन शक्ति खड़ी रहती है. समाज में सज्जनशक्ति खड़ी करने का काम पिछले ९० वर्षों से संघ कर रहा है और अब किसी विशिष्ट जाति, किसी एक प्रांत, केवल शहरों तक सीमित न रहते हुए समाज के सभी स्तरों में संघ का कार्य पहुंचा है. यही संगठित शक्ति देश के समक्ष विद्यमान सभी समस्याओं का उत्तर है. स्वामी स्वरुपानंद ने कहा, “जात-पात में विखंडित हुए हिंदू समाज को एकत्र लाने हेतु और राष्ट्र का उत्थान कराने के लिए संगठन की आवश्यकता है. इसी कारण “शिव शक्ति संगम” जैसे कार्यक्रम समय की मांग हैं.”
कार्यक्रम की प्रस्तावना करते हुए प्रांत कार्यवाह विनायकराव थोरात ने कहा कि वर्ष 1983 में पुणे में तलजाई में संघ का शिविर हुआ था. उसके बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर पुणे में संघ का सांघिक हो रहा है. राज्य में अकाल की स्थिति में निधि संकलन का कार्य तथा अकालग्रस्त इलाकों में जनकल्याण समिति की ओर से चारा शिविर शुरू करने का कार्य संघ के स्वयंसेवक कर रहे है. अब तक शिव शक्ति संगम के लिए ४५,४७५ लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण पूरा किया है. इस संगम के महाव्यवस्थापक कैलाश सोनटक्के ने शिविर में स्थित विविध प्रबंध तथा उनके लिए काम करने वाले विभिन्न विभागों की जानकारी दी. संदीप जाधव ने सूत्रसंचालन एवं आभार प्रदर्शन किया.
शिव शक्ति संगम एक दृष्टि में
पश्चिम महाराष्ट्र के कुल 7 सरकारी जिलों से स्वयंसेवक उपस्थित रहेंगे. कुल 450 एकड़ परिसर में कार्यक्रम होगा, जिसमें से 150 एकड़ भूमि पर पार्किंग का प्रबंध, 2000 स्वयंसेवकों के लिए एक मंडप जैसी रचना जिसका कुल क्षेत्र 12 लाख वर्ग फीट होगा, प्रसाधन गृह, भोजन गृह के साथ 200 डॉक्टर, 20 एम्बुलेंस, 40 एलईडी स्क्रीन, 21 मीटर उंचा ध्वजस्तंभ, 50,000 लोगों के बैठने की सुविधा, 2000 से अधिक घोष वादकों का घोष दल प्रात्यक्षिक होगा. कुल पूरे परिसर को पश्चिम महाराष्ट्र के ज़मिनी किलों का स्वरूप होगा, 13 चुनिंदा किलों के नाम के प्रवेशद्वार, सीसीटीवी द्वारा सुरक्षा प्रबंध, वॉच टॉवर, पूरा परिसर वाई-फाई, ट्रैफिक जाम टालने हेतु पुणे और पिंपरी चिंचवड में मार्गदर्शन केंद्र होंगे.
पुणे के नागरिक देंगे अन्न
पुणे से बाहर के स्वयंसेवकों के लिए पुणे और पिंपरी चिंचवड परिसर के घर घर से भोजन की अन्न इकठ्ठा करने की योजना है और इसके द्वारा अधिकाधिक परिवारों से संपर्क की योजना है. उपरोक्त सभी प्रबंधों के लिए 7500 कार्यकर्ता व्यवस्था विभाग में काम करेंगे.
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