Monday, August 31, 2015

Dharmarakshya Divas

DHARMA RAKSHYA DIVAS OBSERVED


BHUBANESWAR,31/08-
Dharma Rakshya Divas is being observed in various parts of India from 31st August to 5th September on behalf of Dharma Jagaran Samanyaya Bibhag in memory of great saint Swami Laxmanananda Saraswati who sacrificed his life for protection of dharma, culture and society. A grand event was organized in Shri Jagannath mandir, Jagamara for this occasion.
Chief guest  on this occasion, Swami  Sruti Sagarji Maharaj narrated how great social worker Swami Laxmananda Saraswati  was. He said the criminals behind the assassination of saints who are working for the upliftment of society should be severly punished.
Senior journalist and state president of Dharma Jagaran Samanyaya Bibhag, Arun Kumar Panda was the chief speaker on the occasion and emphasized on the failure of crime branch for the past seven years in providing true facts behind the assassination of swamiji.
Retired IAS officer Sudarshan Nayak highlighted the works of Swamiji in Odisha like movements for dharma rakshya and Go rakshya, sanskrit schools for villagers, girls hostels, astaprahari, nama sankirtan, carrying out satsangs, producing medicines from cow wastes.
State leader of Organization Binay Kumar Bhuiyan said that people of Kandhamal feels orphaned in the absence of Swamiji. He was not only a dharmacharya but a karmacharya. Kanaka Lata Pradhan, Dr. Sanjit kumar Panda and notable saints and intellectuals were present on this occasion along with Bijay kumar sahu and Khageswar Sahu.

 31/08/2015


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Sunday, August 30, 2015

आज के दिन देश, धर्म, संस्कृति की रक्षा का संकल्प लें – अरुण कुमार जी

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कानपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख अरूण कुमार जी ने स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि वे समाज के वंचित एवं पिछड़े लोगों को रक्षा सूत्र बांधकर समाज में सामाजिक समरसता का संचार करें. आज संघ इसी भाव को लेकर रक्षाबंधन का पर्व मनाता है. शनिवार को कानपुर महानगर के बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज, बेनाझावर के विशाल मैदान में रक्षाबंधन उत्सव में मुख्य वक्ता के रूप में स्वयंसेवकों, गणमान्य नागरिकों, बहनों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि आज समाज में एकात्मता की जरूरत है जो समरसता से ही संभव है. भारत की पहचान भगवाध्वज से है. उन्होंने देश, धर्म एवं संस्कृति की रक्षा करने का संकल्प लेने का आह्वान किया. संघ की सोच सकारात्मक है, इसीलिये देशभर में सामजिक स्वीकार्यता बढ़ी है. भेदभावपूर्ण व्यवस्था एवं विषमता समाप्त करने के लिए समाज में आन्दोलन छेड़ना पड़ेगा. समाज में श्रम की प्रतिष्ठा सभी को अवसर की समानता प्रदान करती है, समाज से अस्पृश्यता को पूरी तरह समाप्त करना होगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सेवा का संकल्प लेकर सामाजिक समरसता के लिए बड़ा जनान्दोलन चलाना होगा. भेदभावपूर्ण व्यवस्था समाप्त करने लिए सभी संकल्प लें. अरुण कुमार जी ने कहा कि रक्षा बंधन सामुदायिक, सामाजिक समरसता का जीता-जागता उदाहरण है. उन्होंने आगे कहा कि मातृभाव एवं सामाजिक समरसता हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है. हमारे त्यौहारों के संदेश बंधुता को बढ़ाते हैं. स्वतंत्रता, समानता एवं भ्रातृत्व का विकास कोई राजनीतिक दल नहीं कर सकता. यह कार्य संघ ही कर सकता है.
kanpur (4)समारोह की अध्यक्षता जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. एसके कटियार ने की. मंच पर प्रान्त संघचालक वीरेन्द्र पराक्रमादित्य, अर्जुन दास खत्री विराजमान थे. कार्यक्रम में मुख्य रूप से क्षेत्र कार्यवाह रामकुमार वर्मा सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन ओमकार अवस्थी ने किया.



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समाज में आक्रोश, रक्षा सूत्र बांध लेंगे मंदिर निर्माण का संकल्प

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जयपुर (विसंकें). मंदिर संरक्षण समिति, जयपुर 30 अगस्त सुबह 8 बजे जयपुर स्थित रोजगारेश्वर महादेव मंदिर स्थल पर समाज बंधुओं को रक्षा सूत्र बांधकर मंदिर को पुन: स्थापित करने का संकल्प लेगी. कार्यक्रम संयोजक भगवती प्रसाद जी ने बताया कि विकास के नाम पर भेद भाव पूर्ण तरीके से तोड़े गए मंदिरों को सरकार ने पुन: स्थापित करने का वादा हिन्दू समाज से किया था, लेकिन सरकार ने अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की है. अपितु मंदिरों के स्थान पर सड़कों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. सरकार की वादा खिलाफी के चलते समाज में आक्रोश व्याप्त है. सरकार जल्द इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो आंदोलन तेज किया जा सकता है. इसको लेकर रविवार को मंदिर स्थल पर जनसभा का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें समिति पदाधिकारियों द्वारा रक्षा सूत्र बांधकर मंदिर स्थापित करने का संकल्प लिया जाएगा.

लघु व सूक्ष्म उद्योगों को मजबूत करके ही चीन से प्रतिस्पर्धा की जा सकती है – डॉ. बजरंग लाल जी गुप्त

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नागपुर. लघु उद्योग भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन 22 तथा 23 अगस्त को रेशमबाग नागपुर में सम्पन्न हुआ. अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महामंत्री का चुनाव हुआ, जिसमें जयपुर के उद्यमी ओमप्रकाश मित्तल को अध्यक्ष चुना गया, भोपाल के उद्यमी जितेंद्र गुप्ता को सर्वसम्मति से महामंत्री चुना गया तथा भोपाल के ही उद्यमी डॉ. अजय नारंग को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. भोपाल के ही सुधीर दाते को राष्ट्रीय सचिव उज्जैन के उल्लास वैद्य को कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किया गया. अधिवेशन में सम्पूर्ण देश से 682 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, मध्य प्रदेश से २० स्थानों से ६९ प्रतिनिधि शामिल हुए. अधिवेशन में लघु उद्योग भारती के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष  एचव्हीएस. कृष्णा, राष्ट्रीय महामंत्री ओमप्रकाश मित्तल के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, महाराष्ट्र सरकार के उद्योग मंत्री, ऊर्जा मंत्री के साथ ही केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र उपस्थित थे. अधिवेशन के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर क्षेत्र के माननीय संघचालक बजरंगलाल जी गुप्त थे. अधिवेशन में नितिन गडकरी जी ने बताया कि केंद्र सरकार इंफ्राइस्ट्रक्टर को कैसे विकसित कर रही है, जिससे लघु उद्योगों को मूलभूत सुविधा मिल सके एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में लघु उद्योगों की भी सहभागिता होगी, जिससे लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी अपने उद्बोधन में महाराष्ट्र में लघु उद्योगों को विशेष छूट दिये जाने की घोषणा की एवं उपस्थित सभी प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे महाराष्ट्र में आकर उद्योग लगाएं. केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया कि शीघ्र ही केंद्र की तर्ज पर राज्य में भी लघु उद्योग मंत्रालय का गठन किया जाए. सभी मंत्रियों की उपस्थिति में मुख्य वक्ता बजरंग लाल गुप्त जी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय से मध्यम को हटाकर केवल सूक्ष्म एवं लघु मंत्रालय किया जाए, जिससे सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को गति मिल सके. सूक्ष्म एवं लघु उद्योग शिशु की तरह होते हैं, जिन्हें सरकार द्वारा दुलारने की जरुरत है न कि प्रताड़ित करने की. उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि बिना अपने देश के सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को मजबूत किये, चीन के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं की जा सकती. यदि सरकार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के साथ खड़ी हो तो हम चीन से कम कीमत पर उससे उत्तम स्तर का उत्पाद बना सकते हैं . लघु उद्योग भारती मध्यप्रदेश की और से राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र गुप्ता के साथ ही डॉ. अजय नारंग, सुधीर दाते, उल्लास वैद्य को बधाई व शुभकामनाएं प्रदान की.

आज देश को सशक्त तकनीकी राष्ट्रवाद की आवश्यकता है – डॉ. भगवती प्रकाश शर्मा

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जोधपुर (विसंकें). स्वदेशी जागरण मंच जोधपुर प्रांत द्वारा ‘‘भारतीय औद्योगिक विकास के लिए स्वदेशी अवधारणा’’ विषय पर जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार में प्रांतीय संगोष्ठी आयोजित की गयी. संगोष्ठी में क्षेत्रीय संघचालक राजस्थान व अखिल भारतीय सह संयोजक स्वदेशी जागरण मंच डॉ.  भगवती प्रकाश शर्मा ने बताया कि देश के उद्योगों को बढ़ाने के लिए तकनीकी राष्ट्रवाद की आवश्यकता है. अमेरिका, चीन इसी राष्ट्रवाद के कारण वैश्वीकरण में लीड कर रहे हैं. देश में उद्यमता को अनुकूल वातावरण देने की जरूरत है. तभी हम विश्व का नेतृत्व करने वाला राष्ट्र बन पाएंगे. आज विश्व की कुल जीडीपी में हमारा योग मात्र 2.04 प्रतिशत है, जबकि 1500 वर्ष पहले 32 प्रतिशत था. उस समय हमारे देश में सभी उद्योग फलफूल रहे थे. जोधपुर में भी अलग-अलग उद्योग सहायता समूह बनाकर आरएण्डडी विकसित करने की जरूरत है. सोलर ऊर्जा, स्टील उद्योग, ग्वारगम, हैण्डीक्राफ्ट आदि में इसके द्वारा जोधपुर देश का शीर्ष औद्योगिक शहर बनने की क्षमता रखता है. केवल इनकी उचित ब्रांडिंग की आवश्यकता है. इसके लिए तकनीकी लोगों के सहयोग की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हम चीनी माल खरीद कर अपने देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वर्ष 1917 में एक रुपये में  13 डॉलर आते थे, आज 63 रुपये में 1 डॉलर आ रहा है. इसका मुख्य कारण विदेशी व्यापार घाटा है. इसको हम स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर रोक सकते है. वर्ष 1947 से 1991 तक समाजवाद के कारण हमारी कम्पनियों का विकास अवरूद्ध हो गया. आज भी विभिन्न लाइसेंसों द्वारा यह अवरूद्ध है. इसे हटाने की आवश्यकता है.
जोधपुर.... (3)संगोष्ठी में मुख्य अतिथि स्वदेश जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल जी ने कहा कि राजस्थान की धरती के अन्दर सोना है और यहां की गर्मी आने वाले दिनों में सोलर ऊर्जा द्वारा पूरे देश को रोशन करेगी. उद्यमियों को कहा कि उन्हें आरएण्डडी में अधिक निवेश की आवश्यकता है. नयी-नयी तकनीकों को अपनाकर ही हम विश्व की एक मजबूत आर्थिक ताकत बन सकते हैं. सरकार का भी दायित्व है कि उन्हें खुला वातावरण प्रदान करें तथा रिसर्च के लिए वास्तविक छूट प्रदान करें. आज विश्व के कई देशों को हमारे फार्मा, सोलर, आईटी सेक्टरों से ईर्श्या है तथा वह इसे रोकने के लिए कई अवैध प्रतिबिम्बों का सहारा ले रहे हैं. स्वदेशी जागरण मंच ऐसे बौद्धिक लोगों का समूह है जो राष्ट्रवादी राजनेता व उद्योगेपतियों को साथ लेकर देश को समृद्ध बना सकता है और सभी वर्गों को समान रूप से लाभ मिले, इसके लिए चिन्तन व प्रयास करता है.
कश्मीरी लाल जी ने कहा कि कार्यकर्ताओं को जागरूक रहने की आवश्यकता है, तभी वह समाज को जागृत कर सकेगा. मंच के उत्तर भारत के संगठक सतीश कुमार ने राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए कार्यकर्ताओं को कमर कसने को कहा तथा कहा कि स्वदेशी विचारधारा को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने की आवश्यकता है.
जोधपुर.... (1)संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. रामगोपाल ने बताया कि स्वदेशी, स्वालंबी व स्वाभिमानी लोगों के द्वारा ही एक आदर्श देश का निर्माण होता है और मंच ऐसे ही लोगों का समूह, संगठन है, जो देश निर्माण के लिए आम लोगों, युवाओं को जागृत कर रहा है. उन्होंने कहा कि अच्छा उत्पाद वही है जिसमें ग्राहक का लाभ छिपा हो. हमारी स्वदेशी कम्पनियां इसी ध्येय से उत्पाद बनाती हैं. इसके लिए हमें जीरो डिफेक्ट प्रबन्धन करना पड़ेगा, टोटल क्वालिटी मेंटेन करनी पड़ेगी. यदि आज  हम संकल्प लें कि हम चाईनीज वस्तुओं को उपयोग नहीं करेंगे तो कुछ ही वर्षो में चाइना टूट जायेगा. संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि जेआइए के उपाध्यक्ष रमेश गांधी ने बताया कि आज लघु कुटीर उद्योगों को बचाने की जरूरत है. और विदेशी उत्पादों के कारण जो धन देश से बाहर जा रहा है, इसे स्वदेशी अपनाकर रोकना है. जिससे सभी को रोजगार प्राप्त होगा.

जनसंख्या असंतुलन देश के अस्तित्व और पहचान के लिए खतरा – डॉ. सुरेन्द्र जैन

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नई दिल्ली. जनगणना केवल आंकडे़ नहीं, समूह की पहचान होती है. भारत की जनसंख्या का तेजी से बढ़ता असंतुलन न केवल उसकी पहचान समाप्त कर रहा है, अपितु भारत के अस्तित्व के लिए भी खतरा बन जाएगा. नई दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता में विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि भारत की पहचान सर्वपंथ, समभाव व वसुधैव कुटुम्बकम् आदि सद्गुणों से है जो यहां के बहुसंख्यक हिन्दू समाज के कारण निर्माण हुई है. हिन्दुओं की घटती जनसंख्या इस पहचान के लिए खतरा बनेगी. वर्ष 2011 के जनसंख्या आंकड़ों का विश्लेषण करने पर एक खतरनाक संकेत मिल रहा है. देश में हिन्दुओं की जनसंख्या पहली बार 80 प्रतिशत से कम हुई है. जिन जिलों या राज्यों में हिन्दुओं की संख्या कम हुई है, उनकी स्थिति को देखकर भविष्य के संकेत आसानी से समझे जा सकते हैं. पूरी कश्मीर घाटी, बिहार व बंगाल के तीन तथा असम के नौ मुस्लिम बाहुल्य जिलों में साम्प्रदायिक सद्भाव समाप्त हो चुका है. गैरमुस्लिम वहां अपने अस्तित्व को नहीं बचा पा रहे हैं. राज्य तथा केन्द्र सरकार भी इन स्थानों पर पंगु दिखाई देती है. शायद इसी कारण कुछ मुस्लिम नेता भविष्य की ओर संकेत करते हुए चेतावनी देते हैं कि जब हम 20 प्रतिशत हो जाएंगे तो हिन्दुओं को उनकी शर्तों पर रहना होगा.
विश्व हिन्दू परिषद जनसंख्या के बढ़ते असंतुलन के लिए विदेशी घुसपैठ, धर्मान्तरण तथा एक वर्ग की आक्रामक नीति को जनसंख्या वृद्धि करने का प्रमुख कारण मानती है. मुस्लिम समाज का एक बड़ा वर्ग जनसंख्या वृद्धि को एक मिशन मानता है. कुछ कट्टरपंथी दारूल इस्लाम का सपना दिखाकर इस मार्ग पर चलने के लिए उन्हें विवश करते हैं. विहिप का मानना है कि इस खतरे के दुष्परिणाम हिन्दू समाज व भारत को तो झेलने ही पड़ेंगे, किन्तु मुस्लिम समाज भी इससे अछूता नहीं रहेगा. आबादी बढ़ाने के इस अभियान के कारण उन्हें पिछड़ा रहने के लिए अभिशप्त रहना ही पडे़गा. इसलिए मुस्लिम समाज से हमारी अपील है कि इस अभियान के अपने ऊपर होने वाले दुष्परिणामों से बचने हेतु आंतरिक सुधार की प्रक्रिया चालू करें. दुनिया के सभी सभ्य समाज परिवार नियोजन को स्वीकार करते हैं तो वे क्यों नहीं? उनके आदर्श बाबर और गौरी नहीं, चाचा अब्दुल कलाम ही हो सकते हैं.
विश्व हिन्दू परिषद की भारत की सभी सरकारों से अपील है कि वे सम्पूर्ण देश में सभी समाजों के लिए समान जनसंख्या नीति का निर्माण करें. जिसके लिए न्यायपालिका भी कई बार कह चुकी है. बांग्लादेश व बर्मा से हुई घुसपैठ न केवल जनसंख्या असंतुलन बल्कि देश पर खतरे का भी कारण बन चुकी है. उनको रोकना, पहचानना व वापस भेजना सभी सरकारों का संवैधानिक व नैतिक दायित्व है. धर्मान्तरण के विषय में भी भारत का संविधान व न्यायपालिका बहुत स्पष्ट हैं. विहिप हिन्दू समाज का आह्वान करती है कि वह अपने तथा देश पर मंडराते खतरे की भयावहता को समझे तथा संगठित होकर सरकारों पर इस संबंध में सार्थक कदम उठाने हेतु दबाव बनाए. पत्रकारवार्ता में जनसांख्यिकी विशेषज्ञ प्रो राकेश सिन्हा (निदेशक, भारत नीति प्रतिष्ठान) भी विशेष रूप से उपस्थित थे, उन्होंने पत्रकारों को विषय की गंभीरता के बारे में बताया.

शिक्षक और विद्यार्थी एक दूसरे के प्रति समर्पण का भाव रखें – राज्यपाल आचार्य देवव्रत

हिमाचल शिक्षा समिति
शिमला (विसंकें). विद्या भारती द्वारा संचालित हिमाचल शिक्षा समिति की नवीनीकृत वेबसाइट का शुभारंभ एवं चयनित विद्या मंदिरों के प्रधानाचार्यों की शिमला में हिमरश्मि सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किया. इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा तिलक लगाकर राज्यपाल का स्वागत किया गया. विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री शिवकुमार जी ने राज्यपाल महोदय को पुष्प गुच्छ भेंट किया, वहीं समिति के प्रान्त अध्यक्ष ठाकुर अच्छर सिंह द्वारा राज्यपाल का टोपी और शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया. कार्यक्रम में विद्या भारती के उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री हेमचन्द्र जी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे. विद्या मंदिर के विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति गीत एवं भजन प्रस्तुत किये गये.
राज्यपाल महोदय आचार्य देवव्रत ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘आज शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के बीच उपस्थित होकर गर्व का भाव अनुभव कर रहा हूं, एक ओर मेरे सामने देश के भावी कर्णधर विद्यार्थी तो दूसरी ओर उनके उज्ज्वल भविष्य को गढ़ने वाले कुशल कुम्भकार शिक्षक. शिक्षा मनुष्य के अन्दर अभूतपूर्व परिवर्तन कर देती है, यदि शिक्षक और विद्यार्थी परस्पर एक दूसरे के लिए समर्पण का भाव रखें. प्राचीन काल में अपने देश में शिक्षा का स्तर बहुत उच्च था. शिक्षा गुरूकुलों में दी जाती थी, जहां विद्यार्थियों का चतुर्मुखी विकास होता था. मूल्यपरक शिक्षा दी जाती थी, जिसको जो व्यवसाय करना होता था उसी के अनुरूप शिक्षा देने का मापदण्ड तय था. वर्तमान शिक्षा पद्वति ‘मैकाले’ द्वारा दी गयी है, जिससे केवल क्लर्क
हिमाचल शिक्षा समिति
हिमाचल शिक्षा समिति
अथवा काले अंग्रेज उत्पन्न हो सकते हैं जो दिखने में तो भारतीय लगते हैं, लेकिन आचार-विचार एवं व्यवहार में विदेशी मानसिकता वाले. युवा उच्च अध्ययन के पश्चात् भी रोजगार के लिए मारा-मारा फिर रहा है. उसको एक सर्टिफिकेट देकर बाजार में ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया जाता है और कहा जाता है, जाओ इसके बल पर अपनी रोजी-रोटी कमाओ. ऐसी शिक्षा किस काम की, जब वह व्यक्ति को रोजगार ही नहीं मुहैया करा सकती है. शिक्षा तो वह है जो मनुष्य बंधनों से मुक्त करती है ‘सा विद्या या विमुक्तये.’ शिक्षा मनुष्य को देश का एक जागरूक नागरिक बनाती है. शिक्षक एवं विद्यार्थी का परस्पर एक दूसरे के प्रति यदि पूर्ण समर्पण नहीं है तो एक मनुष्य के निर्माण में कुछ कमी रह सकती है. हमें देश में ऐसे शिक्षकों की आवश्यकता है, जिनसे भविष्य में चरित्रवान एवं संस्कारित पीढ़ी का निर्माण हो सके.’ कार्यक्रम के अंत में हिमाचल शिक्षा समिति के प्रान्त महामंत्री राजेन्द्र जी ने राज्यपाल एवं अन्य महानुभावों के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया.
हिमाचल शिक्षा समिति
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Bus accident at Vellore; RSS Swayamsevaks joins in for quick rescue works

Vellore August 29, 2015: A private tourist bus with 37 passengers from Ernakulam to Tirupathi met with an accident near Ambur, Vellore District today morning. Swayamsevaks immediately went in rescue and co-ordinated to reach to their relatives, medical treatment and other services.  A small boy died in that accident. Around 15 persons were admitted in Ambur General Hospital and 21 injured persons were admitted in Vellore General Hospital.
Nearly 50 RSS Swayamsevaks were in the relief work at Ambur and Vellore GH.  Shri Raman, Vibhag Pracharak is co-ordinating the relief work.  Shri Rajendran, RSS Kshetra Karyavah, Shree Jagadeesan, Sah Jilla Sanghachalak and few leaders of Parivar organizations also met the injured persons and rendering their support.
Vellore Bus Accident

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Saturday, August 29, 2015

Rashtriya Swayamsevaka Sangha Bhubaneswar mahanagar observes rakshya bandhan utsav






















Rashtriya Swayamsevaka Sangha Bhubaneswar mahanagar observes rakshya bandhan utsav


Bhubaneswar-29/08 -:
Rashtriya Swayamsevaka Sangha Bhubaneswar mahanagar observed rakhsya bandhan utsav today with great pageantry. The utsav was observed at 53 various places in Bhubaneswar like housing board colony, Baramunda village, Jagamarar, Jagannath vihar, old Bhubaneswar, Bhimeswarpatna, Sundarpada, Bhimtangi, Sishupalgarh, Budheswari colony, Vivekananda road, Sahid nagar, unit-9, Kolathia, unit-1, chandrasekharpur, unit-3, Kharvela nagar, unit-2, unit-8, DPI colony, Chakeisahani, IDCO colony, Rasulgarh, Patharbandha Slum, Nayapalli Behera sahi, CBI chhak, Dumduma. Swayamsevaks moved to many slums and colonies and tied rakhies. Today, the rakshya bandhan utsav was organized at Institute Of Engineers auditorium on behalf of Bhubaneswar mahanagar. Scientist Shri Vikash Kumar Jena of Regional Reaserch Laboratory was chief guest on this occasion presided by Puri Sanghachalak Shri Baikuntha Sahu. He highlighted the importance of rakshya bandhan in Indian culture. Shri Jagabandhu Mishra as chief speaker emphasized on wiping out personal differences and to live affectionately and in harmony with each other. Rakshya bandhan represents society and family. From Himalaya to Kanyakumari, everyone is bind by a single bond. It doesn’t denote only brothers and sisters. For protecting our nation, we can tie rakhi to army officials. In order to protect environment, we can tie rakhi in each other hands. RSS mahanagar karyavaha Prasanna kumar Senapati  and mahanagar sanghachalak Dr. Basanta Kumar Pati were also present on the dias.