दारिंगवाडि,29/1-उत्कल प्रान्त के वनवासी जिला ओं मे से कन्धमाल जिला एक प्रमुख जिला है। इस जिले का दारिंगवाडि व्लक के सिमनवाडि पंचायत केन्द्र में संस्कार भारती द्वारा आयोजित ६६तम साधारण तन्त्र दिवस २६ जनवरी १०१५ को एक रचनात्मक रूप से मनाया गया। उत्सव में ४३ गांव से १२८० प्रतिनिधि पूर्ण समय उपस्थित रहे जिनमें ७८२ महिलाएं भाग लिये। जिन्होंने अपनी जीवन में पहली बार भारत का राष्ट्रीय गान "जनगण मन अधिनायक" गाया । पिछले ३ महीनों से यह गित उन गांवों में नित्य सायं कीर्तन संगोष्ठी मे अभ्यास किया जाता था। यह कार्यक्रम प्रात ९ वजे से यात्री १२ वजे तक चला । कार्यक्रम के प्रारंभ राष्ट्रीय ध्वज उत्तोलन शवरी माता श्रीमती सुनाफुल ओर पुज्ज्य पाद संथ स्वामी जीवन मुक्तानन्द जी के कर कमलोंमे हुआ । ४३ संकीर्तन दल द्वारा नगर भ्रमण अत्यन्त यशस्वी एवं उत्साह पूर्ण वातावरण में हुआ जिसमें २४०० संख्या में उपस्थिति स्मरणीय रहा । साढे चार किलोमीटर कि यह यात्रा पूर्वाह्न १:१५ मि मे संपर्ण हुई। भोजन उपरांत ३ वजे ग्राम स: परिचय एवं स्वामी जी (जीवन मुक्तानन्द जि) के प्रवचन के समाप्ति के साथ राष्ट्रीय ध्वज का राष्ट्र गान एवं ध्वजावतरण किया गया। अपराह्न ४:३० के वनवासी। कार्यकर्ता ओं के परिश्रम द्वारा निर्मित मंच का कीर्तन एवं गंगा जल गोमय से प्रदक्षिणा के साथ प्रतिष्ठा किया गया। वह मंच संस्कार मंडप के नाम से नामित हुआ। एतद् उपरांत मंच पर प्रभु श्री जगन्नाथ जी के चतुर्धा बिग्रह का स्थापित कर श्री जगन्नाथ आरती से प्रत्येक मुक्ति मंडप में अभ्यास किए गये भजन,नृत्य,कीर्तन,लोक गाथा,लोक नाटिका ओर कटक से पधारे ओडिशी नृत्य,कार्यक्रम को गारिमा प्रदान किया।
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