माघ शुक्ल पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
• हिन्दू विधिज्ञ परिषद द्वारा प्रदान किए गए पत्र के पश्चात ही मुंबई पुलिस द्वारा कार्रवाई
• हिन्दू विधिज्ञ परिषद से मांग करने के पश्चात ही कार्रवाई करनेवाली पुलिस स्वयं इस प्रकार की कार्रवाई क्यों नहीं कर सकती ?
मुंबई : हिन्दू विधिज्ञ परिषद ने १७ जुलाई २०१४ को महाराष्ट्र के पुलिस विभाग एवं गृहमंत्री से एक पत्र द्वारा मांग की थी कि ‘पाकिस्ताना स्थित जमात-उद-दावा आतंकवादी संगठन के प्रमुख हाफीज सईद के व्याख्यान भारत में ‘यु-ट्युब’ तथा अन्य सामाजिक जालस्थलों पर प्रसारित हो रहे हैं । इन व्याख्यानोंके माध्यम से हाफीज सईद कश्मीर को भारत से पृथक करने का प्रयास कर रहा है । इस प्रकार के व्याख्यान प्रसारित कर हाफीज सईद भारत के मुसलमानोंको प्रक्षोभित करने का प्रयास कर रहा है ।
‘पाकिस्तान में होनेवाले बमविस्फोट, हत्या, हिंसा, अपघात ये सभी भारत ही कर रहा है’, ऐसा झूठा वक्तव्य दे कर सईद भारत के प्रति मन दूषित करने का प्रयास कर रहा है । इन वीडियोज पर त्वरित पाबंदी लगानी चाहिए, जिससे पाकिस्तान द्वारा भारत में आंतरिक गृहयुद्ध निर्माण करने का षडयंत्र निष्फल हो जाए तथा पुलिस का जातीय समझौते की रक्षा करने का सपना भी पूरा हो जाए ।’’
इस पत्र की ओर ध्यान देते हुए २८ जनवरी २०१५ को मुंबई के माता रमाबाई आंबेडकर मार्ग पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक ने हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता श्री. संजीव पुनाळेकर को पत्र भेजा । उस पत्र में यह प्रस्तुत किया गया कि जिन १२ जालस्थलों पर भारत के मुसलमानों को प्रक्षोभित करनेवाले वीडियोज हैं, उन पर पाबंदी लगाई जाएगी । ऐसे जालस्थलों की सूचना देने के लिए पुलिस ने पत्र के माध्यम से अधिवक्ता श्री. संजीव पुनाळेकर के प्रति आभार भी पुलिस ने पत्र द्वारा व्यक्त किए हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
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