Thursday, February 19, 2015

गौ विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परीक्षा 2014 का परिणाम घोषित

जोधपुर (विसंके). मारवाड़ गौ ग्राम संवर्धन न्यास जोधपुर द्वारा प्रेरित माधव गौ विज्ञान अनुसंधान समिति द्वारा आयोजित की गई गौ विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परीक्षा 2014 के अन्तिम चरण की परीक्षा का परिणाम 17 फरवरी 2015 को परीक्षा आयोजन समिति जोधपुर द्वारा घोषित कर दिया गया.
परीक्षा आयोजन समिति के क्षेत्रीय संयोजक कृष्णगोपाल वैष्णव ने आज राज्य स्तरीय परिणाम की घोषणा करते हुये बताया कि प्रथम चरण की परीक्षा 11 नवम्बर 2014 को आयोजित हुई. परीक्षा में राजस्थान के कुल दो लाख उनसठ हजार सात सौ अड़तालीस का पंजीकरण हुआ, जिनमें से दो लाख बतीस हजार पांच सौ चालीस परीक्षार्थियों ने प्रथम चरण की परीक्षा में भाग लिया. प्रथम चरण की परीक्षा तीन हजार दो सौ सात परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित हुई, इन परीक्षार्थियों में से 24 दिसम्बर को घोषित किये गये परिणाम के माध्यम से ग्यारह हजार नब्बे परीक्षार्थियों का चयन द्वितीय चरण के लिये किया गया.
द्वितीय चरण की परीक्षा में कुल पांच हजार सात सौ इकहतर परिक्षार्थियों ने परीक्षा दी तथा इसी परीक्षा के आधआर पर तहसील, जिला एवं राज्य स्तर की मेरिट का निर्धारण किया गया.
वैष्णव ने बताया कि दो वर्गों में आयोजित परीक्षा में क वर्ग में (कक्षा 6 से 8 तक) व ख वर्ग में (कक्षा 9 से 12 तक) के राज्य स्तरीय परिणाम निम्न प्रकार रहे.
क वर्ग -
प्रथम स्थान – अभिषेक गोयल – उ.प्रा. आदर्श विद्या मंदिर खण्डार (सवाईमाधोपुर)
द्वितीय स्थान – राहुल जिंदल – रामस्नेही कीर्तिराम आ.वि.मंदिर करौली (करौली)
तृतीय स्थान – धीरज पंवार – आदर्श विद्या मंदिर उ.मा.वि. भीनमाल (जालोर)
सात्ंवना पुरस्कार – रामेश्वर प्रजापत – राजकीय उमावि. रजलानी (जोधपुर), गरिमा सोलंकी – बालिका आ.वि.म. गंगाशहर (बीकानेर)
ख वर्ग -
प्रथम स्थान – भरत पटेल – नवीन आदर्श विद्या मंदिर पिण्डवाड़ा (सिरोही)
द्वितीय स्थान – रणजीतसिंह – कामधेनु एकेडमी नागौर, (नागौर)
तृतीय स्थान – खुशी कटारिया – आदर्श विद्या मंदिर मा.वि पिपाड़ शहर (जोधपुर)
सात्ंवना पुरस्कार – प्रवीण सैन – नवीन आदर्श विद्या मंदिर रामचैक (जोधपुर)
परीक्षा का विस्तृत परिणाम परीक्षा समिति की वेब साईट www.madhavgauvigyan.org पर देखा जा सकता है. प्रान्त परीक्षा प्रभारी विरेन्द्रसिंह शेखावत ने कहा कि गौ माता के धार्मिक एवं आर्थिक महत्व को बताने एवं सामाजिक जागरूकता के लिये आयोजित होने वाली यह राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा हो गई है. विगत चार वर्षों से आयोजित होने वाली परीक्षा का उद्देश्य भारत के सांस्कृतिक प्रतीकों का परिचय नई पीढ़ी को करवाना है.

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