कुरुक्षेत्र. देश में घर वापसी और धर्मांतरण जैसे विषयों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि देश का हर नागरिक हिंदू है. इसकी प्रमाणिकता देते हुए उन्होंने कई तर्क भी दिये. धर्म जागरण समन्वय विभाग के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे इंद्रेश जी ने कहा कि देश के लाखों मुस्लिमों ने दस वर्षों में संघ और संघ पदाधिकारियों से मेल-मिलाप किया है. इसमें तीन बातें सहज और सरल घोषित की हैं, पहली बात दुनिया के अरब और मुस्लिम देश हिंदुस्तान के नागरिकों को हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तानी मानते हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया में लगभग 50 मुस्लिम देश हैं. इन देशों से मुस्लिम जब अरब में हज पर जाते हैं तो उनकी पहचान का भी जिक्र होता है. लिहाजा दुनिया भर से हज पर जाने वाले अमेरिका के मुस्लिमों को अमेरिकन मुस्लिम, चीन से जाने वाले को चीनी मुस्लिम कहते हैं और हिंदुस्तान से जाने वाले मुस्लिम को वहां लिखा जाता है हिंदू मुस्लिम, हिंदी मुस्लमान और हिंदुस्तानी मुस्लिम और इसलिये दुनिया के सभी मुसलमान देश इस देश के नागरिकों चाहे वह किसी जाति, मजहब, समुदाय का हो उसे हिंदी, हिंदू और
हिंदुस्तानी कहते और बोलते हैं. जैसे आज यहां कुरुक्षेत्र में अकबर खान राणा आए थे. उन्होंने खुद कहा कि वह हिंदू हैं. मोहम्मद करीम छागला, महाराष्ट्र और गोवा के राज्यपाल रह चुके मोहम्मद फैजल, मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे मोहम्मद कुंवर अली, ऑल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे जमील उल्यासी (स्वर्ग सिधार चुके हैं), ऐसे ही मौलाना उमर उल्यासी तो गर्व से कहते हैं कि मजहब से हम मुसलमान हैं, लेकिन वतन, और तहजीब से हम हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तानी हैं.
इसलिए भारत में तो जहां 95 प्रतिशत मुसलिम यह मानते और कहते हैं कि धर्मांतरण के बाद मुस्लिम बने हैं. वे यह भी कहते हैं कि इसके बावजूद उनके पूर्वज आज भी सांझे हैं. जातियां, उपजातियां, भाषा, बोलियां और उनकी परंपराएं भी समान हैं. केवल पूजा पद्धति बदली है. इसलिए मुसलमान इसका अच्छा उत्तर देंगे. कई जगह से मुसलिमों के ऑफर भी आये हैं कि वे इस विषय पर जगह-जगह सभाएं करना चाहते हैं.
मैं ऐसा पहले से बोल ही रहा हूं, वे करेंगे और इस रूप में ऐसे प्रश्नों का जिन्हें विवादग्रस्त बनाया जा रहा, बड़े आराम और प्यार से सब का रास्ता निकल रहा है और आने वाले कुछ वर्षो में भारत की जनता में ऐसा कोई भी तनाव नहीं रहेगा.
उन्होंने कहा कि पहले से ही भारत सहिष्णु देश रहा है, सिर्फ पूजा पद्धति बदली है, पूर्वज एक ही हैं. इंद्रेश जी ने कहा कि भारत सदियों से सहिष्णु देश था, जहां सभी धर्मों का, सभी पंथों का, और सभी जातियों का सम्मान करना, छुआछूत को अपराध मानना, मजहबवाद के झगड़े को पाप मानना प्राचीन संस्कृति है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसी का प्रवाहक है.
No comments:
Post a Comment