फाल्गुन कृष्णपक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
बेंगलुरु : अगर आप बेंगलुरु या हैदराबाद की किसी आईटी कंपनी में काम करते हैं, तो हो सकता है आपकी ही टीम में कोई एक ऐसा हो, जिसके तार दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन ISIS से जुड़े हों। जी हां अगर खुफिया विभाग की ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो अल-कायदा और आईएसआईएस के जिहादी आईटी कंपिनयों में रहकर स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं।
इंटरनेट के जरिये जिहाद छेड़ना बहुत आसान है। संगठनों के लिये जितना आसान, खुफिया विभागों के लिये उनको ट्रेस करना और पकड़ना उतना ही कठिन। लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसी ऐसे मंसूबों को कतई पूरा नहीं होने देगी, जो देश के लिये खतरा हैं। आपको यह जानकर हैरत होगी कि आईएसआईएस के तार भारत के कई शहरों तक जुड़ चुके हैं। उनमें बेंगलुरु और हैदराबाद प्रमुख हैं। इन तारों से जुड़ने वाले कोई संगठन नहीं बल्कि लोग हैं, जो जिहाद का पाठ पढ़ने के बाद देश के विरुद्ध जंग छेड़ने जैसी तैयारियां कर रहे हैं। खुफिया विभाग ने तमाम आईटी प्रोफेशनल्स को चिन्हित किया है, जिन पर शक की सुई गहरा चुकी है। हम आपको बता दें कि खुफिया विभाग की पूरी नजर उन कर्मियों पर टिकी हुई है। वो क्या कर रहे हैं, कहां जाते हैं, किससे मिलते हैं, सब कुछ गहराई से वॉच किया जा रहा है।
इंटरनेट के जरिये जिहाद छेड़ना बहुत आसान है। संगठनों के लिये जितना आसान, खुफिया विभागों के लिये उनको ट्रेस करना और पकड़ना उतना ही कठिन। लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसी ऐसे मंसूबों को कतई पूरा नहीं होने देगी, जो देश के लिये खतरा हैं। आपको यह जानकर हैरत होगी कि आईएसआईएस के तार भारत के कई शहरों तक जुड़ चुके हैं। उनमें बेंगलुरु और हैदराबाद प्रमुख हैं। इन तारों से जुड़ने वाले कोई संगठन नहीं बल्कि लोग हैं, जो जिहाद का पाठ पढ़ने के बाद देश के विरुद्ध जंग छेड़ने जैसी तैयारियां कर रहे हैं। खुफिया विभाग ने तमाम आईटी प्रोफेशनल्स को चिन्हित किया है, जिन पर शक की सुई गहरा चुकी है। हम आपको बता दें कि खुफिया विभाग की पूरी नजर उन कर्मियों पर टिकी हुई है। वो क्या कर रहे हैं, कहां जाते हैं, किससे मिलते हैं, सब कुछ गहराई से वॉच किया जा रहा है।
वनइंडिया से विशेष बातचीत में खुफिया विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रोफेशनल्स पर नजर है, लेकिन आईटी कंपनियां इस दायरे में अभी तक नहीं आयी हैं। हाई-टेक आतंकियों के बारे में महत्वपूर्ण बातें- ज्यादातर जिहादी छोटी-छोटी आईटी कंपनियों में कार्यरत हैं। इन शहरों में कुछ एनजीओ भी चल रहे हैं, जो धर्म के नाम पर आतंक को पाल रहे हैं। हाल ही में पांच हाईली एजुकेटेड आईटी प्रोफेशनल्स अल-कायदा और आईएसआईएस से जुड़े।
आतंकवाद अब गरीबी से जंग नहीं लड़ रहा है, यहां देने के लिये बहुत पैसा है। हाल ही में आईएसआईएस ने दुनिया के कई बड़े शहरों से प्रोफेशनल्स को रिक्रूट किया। बेंगलुरु-हैदराबाद की कंपनियां छोड़ कर कई लोगों ने आईएसआईएस ज्वाइन की है। ऐसा देखा गया है कि कई आईटी कर्मी उन लोगों से चैटिंग करते हैं, जो आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली साइटें चला रहे हैं।
बेंगलुरु-हैदराबाद पुलिस ऐसे प्रोफेशनल्स का डाटाबेस तैयार कर रही है। डाटाबेस में उनके नाम होंगे जिन्होंने आतंकी संगठनों से चैट की, ट्विटर पर मैसेज के आदान प्रदान किये या फेसबुक फ्रेंड बनाया। इन आईटी प्रोफेशनल्स के फेसबुक अकाउंट पर भी पैनी नजरें बनी हुई हैं। प्राइवेट मैसेजेस पर भी। एनजीओ भी जुड़े हैं आतंकी संगठनों से खुफिया विभाग के अधिकारी के अनुसार दक्षिण में कई एनजीओ हैं, जो आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर उनके नामों के खुलासे नहीं किये गये हैं। हालाकि शहरों के नाम आप भी जान सकते हैं- गुलबर्गा, वारंगल, सेलम, कोट्टायाम, हुब्बली, और बीदर। खुफिया विभाग के अधिकारी ने कहा कि ये सब गतिविधियां देश के लिये बड़ा खतरा बनती जा रही हैं। सबसे खतरनाक बात यह है कि आईएसआईएस अब अफ्गानिस्तान में भी अपनी इकाईयां खोल रहा है।
स्त्रोत : वन इंडिया
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