मुजफ्फरनगर (विसंके). आरएसएस के स्वयंसेवक सम्मेलन में सरकार्यवाह सुरेश राव जोशी ने कहा कि विश्व कल्याण के लिये हिंदुओं का शक्तिशाली होना जरूरी है. सर्वजन सुखाय, सर्वजन हिताय की बात करने वाला हिंदू कभी सांप्रदायिक नहीं हो सकता.
एसडी डिग्री कालेज के मैदान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक सम्मेलन आयोजित किया गया. सम्मेलन में मुजफ्फरनगर और शामली के आठ हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया. संघ के सरकार्यवाह सुरेश राव जोशी ने कहा कि संघ की यात्रा 90 वर्ष की हो चुकी है. सफलता-विफलता के बहुत सारे दौर संघ ने देखे हैं. जब संघ का प्रारंभ हुआ था, तब यह कल्पना नहीं हो सकती थी कि हिंदू संगठित हो सकता है. आज समाज के लोग अपने आपको हिंदू कहने में गर्व महसूस करते हैं. संघ का कार्य बढ़ने से आज समाज में अनुशासन का पालन करने की मानसिकता बढ़ी है. उन्होंने स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि पूरे देश में कश्मीर से कन्याकुमारी और जैसलमेर से मणिपुर तक में क्या हो रहा है, घटनाओं पर सभी को नजर रखनी चाहिये. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व जीवन जीने की एक कला है. जो संघ को सांप्रदायिक बताते हैं, उन्हें सांप्रदायिकता की परिभाषा ही मालूम नहीं है. हिंदू धर्म एक ही पूजा पद्धति, एक पुस्तक व एक देवता के आधार पर नहीं चलता है. यहां विभिन्न पूजा पद्धतियां हैं. हिंदू के 33 कोटि (करोड़) देवी-देवता हैं. हिंदू धर्म पशु-पक्षियों, नदियों व भूमि आदि सभी में ईश्वर देखता है. यह संकुचित नहीं है. हिंदू धर्म में व्यक्ति अपने-अपने विचारों से स्वतंत्र रूप से ईश्वर तक पहुंचने का कोई भी एक मार्ग चुन सकता है. ऐसे में हिन्दुओं को सांप्रदायिक कहना अज्ञान का प्रगटीकरण ही है.
उन्होंने स्वयंसेवकों से समाज को विकृतियों से मुक्त करने के लिये सिद्धांत और आचरण समान रखने का आह्वान किया. गंगा को मां कहना और वहां कचरा डालना पूरी तरह अनुचित है. उन्होंने जातिवाद से ऊपर उठकर कार्य करने का आग्रह किया. मंच पर प्रांत संघचालक सूर्यप्रकाश व विभाग संघचालक डा. हरवीर आर्य भी मौजूद रहे.
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