संस्कृत भाषा सीखने का सुनहरा अवसर देगी संस्कृत भारती: श्रीश
विश्व संवाद केन्द्र उत्तराखंड। संस्कृत भारती पिछले 38 वर्षों से संस्कृत भाषा के उन्नयन एवं प्रचार-प्रसार के लिए 40 देशों में कार्य कर रहे हैं। इसी क्रम में संस्कृत भाषा को आम जनता की भाषा बनाने के उद्देश्य से पत्राचार द्वारा संस्कृत सिखाई जा रही हैं उत्त्राखंड में यह अभियान 15 जनवरी से 15 फरवरी तक चलाया जा रहा है। इस बात की जानकारी देते हुए संस्कृत भारती के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्रीश देव पुजारी ने बताया कि जो लोग समय के अभाव के कारण हाईस्कूल या इंटरमीडिएट के बाद विद्यालयों में संस्कृत नहीं पढ़ पाते हैं उन्हें इससे जोड़ा जायेगा। सरकार अथवा गैर सरकारी कर्मचारी, अधिवक्ता, इंजीनियर, व्यवसाई, पत्रकार एवं शिक्षक घर बैठे पत्रचार के माध्यम से संस्कृत सीख सकते हैं। पाठ्यक्रम संपूर्ण देश में 9 भाषाओं में उपलब्ध होगा। संस्कृत हिंदी, संस्कृत अंग्रेजी, संस्कृत गुजराती आदि। इसमें कुल चार पाठ्यक्रम हैं। प्रवेश परिचय, शिक्षा ओर कोविद। प्रत्येक पाठक्रम की अवधि छह माह की है। अंतिम माह में संस्था के द्वारा संस्कृत परीक्षा का आयोजन एवं प्रमाण पत्रों का वितरण किया जायेगा।
No comments:
Post a Comment