बच्चों मंे अच्छे संस्कार जरूरी: माला
विश्व संवाद केन्द्र उत्तराखंड। विश्व हिदु परिषद दुर्गा वाहिनी की राष्ट्रीय संयोजिका माला रावल ने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रत्येक मनुष्यों में संस्कारों को पुर्नर्जीवित करने का है और हम यह काम पिछले पचास सालों से कर रहे हैं। श्रीमती रावल विश्व हिंदू परिषद की स्वर्ण जयंती समारोह में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहीं थी।
धर्मपुर स्थित विश्व संवाद केन्द्र में विश्व हिंदू परिषद की स्वर्ण जयंती पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संयोजिका माला रावल ने बच्चों में अच्छे संस्कार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि हम बच्चों को अच्छे संस्कार देंगे तो लव जेहाद जैसी समस्यायें अपने आप ही समाप्त हो जायेंगी। दुनियां में हिंदू धर्म सनातन काल है जबकि इस्लाम 1500 वर्ष और ईसाई धर्म 2000 वर्ष पुराना। इसके बावजूद संस्कारों के अभाव में उसे कमजोर समझा जाता है। उन्होंने कहा कि चार पुरूषार्थ धर्म, अर्थ काम ओर मोक्ष हैं। हमें धर्म से ही अर्थ और काम की प्राप्ति करनी चाहिए तभी मोक्ष की प्राप्ति होगी। उन्होंने अहिंसात्मक विधारधारा की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी की आत्मा को कष्ट पहुंचाना धर्म नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने हिंदू समाज की समस्याओं को दूर करके संत समाज को एकजुट करने का काम किया है। राम मंदिर निर्माण, लव जेहाद, गौ-रक्षा के लिए सभी एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि कई बार हिंदू धर्म पर आडंबर के आरोप लगते हैं। उन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा कि पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना, व्रत रखना, शिवलिंग पर जल चढ़ाना, गाय की सेवा करना समाज के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि जहां तक बच्चों का सवाल है। इसमें विवाद नहीं होना चाहिए। जरूरत इस बात की है कि बच्चों में संस्कार हों। घर में कम से कम बच्चे गुड्डे-गुडि़यों के साथ खेलने की बजाय आपस में ही खेलें। घर में बच्चे होंगे तो खुशिहाली रहेगी। कार्यक्रम का संचालन रीता गोयल ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उमा अग्रवाल, कार्यकम में अध्यक्ष डा0 रश्मि रावत, सुधा भटट शारदा त्रिपाठी, वृजलेश गुप्ता, प्रेमलता, बबिता, स्वाति तोमर, हेमा, शशि कोहली, गायत्री, अंजू आदि मौजूद थे।
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