नई दिल्ली. वैदिक भारत फाउण्डेशन एवं महर्षि वेद व्यास प्रतिष्ठान द्वारा प्रथम ऐतिहासिक वेद सम्मेलन वैदिक भारत की पुनः प्रतिष्ठापना हेतु 20, 21, 22 फरवरी 2015 को होटल ग्रांड, नेल्सन मंडेला मार्ग, वसंत कुंज, नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है. सम्मेलन का उद्घाटन 20 फरवरी को प्रातःकाल 09.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक प. पू. जगद्गुरू शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ज्योतिषमठ के आशीर्वाद व दिव्य उपस्थिति में और महान वैज्ञानिक महाराजाधिराज राजाराम डॉ. टोनी नादर के व्याख्यान से होगा.
सम्मेलन में 40 देशों के 120 प्रतिनिधि और 200 भारत के प्रतिनिधि उपस्थित होंगे. भारत के 18 विद्वान और विदेशों के 25 वैज्ञानिक और विद्वानों द्वारा 09 सत्रों में वेद विज्ञान एवं भारतीय धरोहर पर चर्चा की जायेगी. वैदिक भारत की पुनः स्थापना के सम्मेलन में वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, दार्शनिक, विचारक वेद विज्ञान पर प्रकाश डालेंगे. कुछ विद्वान वैदिक मंत्रों का मस्तिष्क, हृदय पर प्रभाव डालते हैं, उसका प्रयोगात्मक प्रदर्शन पर्दे पर दिखायेंगे. हर व्यक्ति के न्यूरो, नाड़ी, हृदय की धड़कन, रक्तवाहिनियों एवं शरीर के सभी अंगों पर वेद मंत्रों की ध्वनि का प्रभाव ऋगुवेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद से प्रदर्शित करेंगे. इससे सिद्ध होता है कि वेद एक कर्मकाण्ड का विषय नहीं, बल्कि वेद एक विज्ञान है और मानव की चेतना को जागृत करने के लिये पूरी तकनीक है.
महाराजाधिराज राजाराम डॉ टोनी नादर (अमेरिका) अपने बीज भाषण में वेद द्वारा प्रकृति के नियम हर व्यक्ति के चेतना में कैसे उतरते हैं, इसकी चर्चा करेंगे. मुख्य अतिथि डॉ मुरली मनोहर जोशी वैदिक भारत की संरचना किस प्रकार से हो और कैसी हो इस पर प्रकाश डालेंगे.
डॉ बी. मोरिस (अमेरिका) वैदिक भारत सम्पूर्ण विश्व का प्रकाश स्तम्भ है और डॉ जे. हेगलिन (अमेरिका) वेद और फिजिक्स विषय पर सार गर्भित भाषण देंगे. भारत के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों में से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था के भूतपूर्व अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष पद्मविभूषण डॉ माधवन नायर जी अंतरिक्ष और वेद विज्ञान पर प्रकाश डालेंगे.
विश्व विख्यात योगी स्वामी रामदेव जी योग द्वारा वैदिक विज्ञान की स्थापना की व्याख्या करेंगे. कार्यक्रम में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, ’’आयूष‘‘ (आयुर्वेद एवं योग) मंत्री श्रीपाद् नाइक एवं अन्य मंत्री भी उपस्थित रहेंगे. डॉ सुब्रह्मण्यम् स्वामी वेद में आधुनिक आर्थिक नीति पर विचार व्यक्त करेंगे. प. पू. जगद्गुरू शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ज्योतिषमठ, सभी प्रतिनिधियों, वक्ताओं एवं अतिथि गण को आशीर्वाद देंगे.
इस सम्मेलन में शिक्षाविद्, भौतिक शास्त्री, मनोवैज्ञानिक, पर्यावरणविद्, अंतरिक्ष वैज्ञानिक आदि, योग और यज्ञ के द्वारा मानवीय चेतना के विकास में वेद की भूमिका पर ऐतिहासिक भाषण करेंगे. सम्मेलन प्रतिदिन 09.30 बजे से 04.30 बजे तक 20, 21, 22 फरवरी 2015 को ग्रांड होटल में 09 सत्रों में वैदिक साइंस एवं टेक्नोलाजी पर व्याख्यान, आख्यान, भाषण और प्रश्नोत्तर होंगे. प्रतिनिधि निमंत्रण पत्रक के साथ अभिनंदित होंगे और पंजीकृत किये जायेंगे.
इस सम्मेलन में शिक्षाविद्, भौतिक शास्त्री, मनोवैज्ञानिक, पर्यावरणविद्, अंतरिक्ष वैज्ञानिक आदि, योग और यज्ञ के द्वारा मानवीय चेतना के विकास में वेद की भूमिका पर ऐतिहासिक भाषण करेंगे. सम्मेलन प्रतिदिन 09.30 बजे से 04.30 बजे तक 20, 21, 22 फरवरी 2015 को ग्रांड होटल में 09 सत्रों में वैदिक साइंस एवं टेक्नोलाजी पर व्याख्यान, आख्यान, भाषण और प्रश्नोत्तर होंगे. प्रतिनिधि निमंत्रण पत्रक के साथ अभिनंदित होंगे और पंजीकृत किये जायेंगे.
यह सम्मेलन ज्ञान से भरपूर प्रेरणा से भरा हुआ, अनुभव को बढ़ाने वाला और वैज्ञानिक विचार को प्रेरित करने वाला सिद्ध होगा. भारत के हर कोने, हर गांव तक वेद का प्रचार हो, नैतिक मूल्यों की स्थापना हो और इस धरती पर स्वर्ग उतारने की रचना में सारा विश्व तथा भारत की समस्त जनता सुखी हो, सम्पन्न् हो, समर्थ हो ऐसी कल्पना के साथ यह कार्यक्रम हो रहा है.
No comments:
Post a Comment