Monday, February 16, 2015

जो अपना इतिहास भूलते हैं, उनका भविष्य समाप्त हो जाता है – इंद्रेश जी

thakur ram singh ji (3)
हमीरपुर. ठाकुर राम सिंह जन्मशताब्दी समारोह का शुभारंभ 15 फरवरी को ठाकुर जगदेव चंद शोद संस्थान नेरी जिला हमीरपुर हिमाचल प्रदेश में हुआ. इतिहास पुरुष ठाकुर राम सिंह जी की जन्मशताब्दी वर्ष भर मनाई जाएगी, जिसके तहत पंजाब, असम, सहित हिमाचल के सभी भागों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इतिहास शोध संस्थान नेरी में ठाकुर राम सिंह जन्मशताब्दी समारोह के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बतौर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार, नेता विपक्ष प्रेम कुमार धूमल मुख्य अतिथि, दिलीप कुमार सरकार बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष उपस्थित रहे.
इन्द्रेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि जो कौम अपना इतिहास भूल जाती है, उसका भविष्य समाप्त हो जाता है. उनके अनुसार कुछ विदेशी शक्तियां लंबे समय से प्रयास कर रही हैं कि भारत की पहचान को बदल दिया जाये. आज देश की सबसे बड़ी आवश्यकता यही है कि ऐसी शक्तियों की पहचान करके उनका मुकाबला किया जाये.
उन्होंने कहा कि ठाकुर रामसिंह ऐसे वीरव्रती थे जो भारत वर्ष के सही इतिहास को पुर्नस्थापित करना चाहते थे. यह देश का दुर्भाग्य है कि स्कूलों व कॉलेजों में जो इतिहास पढ़ाया जाता है, उसको विदेशी शासकों ने भारतवासियों में हीन भावना पैदा करने के लिये लिखा था. ठाकुर रामसिंह को सच्ची श्रद्वांजलि यही होगी कि इतिहास पुर्नलेखन को निरंतर आगे बढ़ाया जाता रहे.
thakur ram singh ji (1)इस दौरान विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि इतिहास शोध संस्थान नेरी काफी समय से अनदेखा था. ठाकुर राम सिंह जी के चरण पडऩे से यह तपोभूमि बन गया है. उन्होंने कहा कि इतिहास कई लोग लिखते हैं कि ठाकुर राम सिंह जैसे लोग इतिहास बनाते हैं. उन्होंने एक इतिहास रचा है. धूमल ने कहा कि राम सिंह ने देश भर में संघ का काम किया और वे अपने अंतिम समय में अपने गृह जिला में आकर रहे. यह हमारा सौभाग्य है.
इस दौरान नेता विपक्ष ने इतिहास शोध संस्थान नेरी में ठाकुर राम सिंह संग्राहलय का भी शुभारम्भ किया. इसमें ठाकुर राम सिंह के जीवन से जुड़ी उनकी वस्तुओं को रखा गया है. इस दौरान यहां पर एक फोटो गैलरी भी लगाई गई. इतिहास शोध संस्थान नेरी व बाला साहब आपटे स्मारक समिति द्वारा श्रीधर विष्णु वाणकर पुरस्कार भी प्रदान किया गया. यह पुरस्कार प्रो. गणेश दत्त शर्मा को प्रदान किया गया. बतौर पुरस्कार उन्हें प्रशस्ति पत्र और 51 हजार रूपये प्रदान किये गये. इस दौरान ठाकुर राम सिंह स्मृति विशेषांक का भी विमोचन किया गया. इस विशेषांक में राम सिंह से जुड़ी बातों का उल्लेख किया गया है. कार्यक्रम में तीन लेखकों की चार पुस्तbook releaseकों

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