मेरठ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख अजय मित्तल ने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. सादा जीवन-उच्च विचार को आदर्श मानने वाले पंडित दीनदयाल के अपना आर्थिक चिंतन देकर एक तरह से शून्य में से सृष्टि का निर्माण किया. उनकी यह देन अविस्मरणीय है.
बुधवार को विश्व संवाद केंद्र पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ. मुख्य वक्ता अजय मित्तल ने कहा कि पंडित दीनदयाल ने एकात्म मानववाद का दर्शन देने से पहले अर्थशास्त्र के 500 से ज्यादा ग्रंथों का अध्ययन किया. पंडित दीनदयाल दार्शनिक, संगठक के साथ-साथ एक एक्टिविस्ट भी थे. तीनों गुण एक ही व्यक्ति में मिलने दुर्लभ होते हैं. यह तीनों ही गुण पंडित दीनदयाल में थे. उन्होंने अपनी अथक मेहनत से जनसंघ को चार राज्यों में सत्ता तक पहुंचा दिया. उनका व्यक्तित्व बहुत ही सरल था. पीसीएस में चयन होने के बाद भी उन्होंने ज्वाइन नहीं किया और संघ के माध्यम से देश सेवा को महत्व दिया. जनसंघ के अध्यक्ष बनने के बाद भी बहुत सादा और सरल जीवन जीया. उन्होंने कहा कि आज के युग में एकात्म मानववाद का सिद्धांत पूरी तरह से प्रासंगिक है. संघ के उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख कृपा शंकर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया. गोष्ठी का संचालन डॉ. प्रशांत कुमार ने किया. इस मौके पर डॉ. मनोज श्रीवास्तव, अजय चौहान, आशीष कन्नौजिया, पंकुल शर्मा, प्रवीण दीक्षित, सुरेंद्र सिंह, अशोक अग्रवाल, अभिलाष आदि मौजूद थे.
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