रेवाड़ी. विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी की हरियाणा और दिल्ली की शाखा ने संयुक्त रूप से कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया. 23 से 26 जनवरी तक आयोजित शिविर में कार्यकर्ताओं को योग आदि का प्रशिक्षण दिया गया. शिविर में दोनों प्रांतों के कुल 44 शिक्षार्थियों ने शिरकत की, जिनमें बहनें एवं भैया दोनों शामिल रहे. रेवाड़ी के मीरपुर रोड स्थित हनुमान मंदिर स्थित श्रीराम वाटिका में आयोजित शिविर में प्रशिक्षार्थियों का पंजीकरण 23 जनवरी की शाम को किया गया. शिविर प्रमुख की जिम्मेदारी नीमा भट्ट पर रही. उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों का शिविर में स्वागत किया. शिविर का शुभारंभ विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी के अखिल भारतीय संयुक्त महासचिव माननीय किशोर टोकेकर जी ने किया. शिविर की नियमित गतिविधियां 24 जनवरी की सुबह 5:30 बजे जागरण के पश्चात शुरू हुईं. प्रात: स्मरण (सुबह की प्रार्थना) से शुरू होकर दिनचर्या रात्रि 10:00 बजे तक रहती थी. दिनचर्या में सुबह प्रार्थना के बाद योगाभ्यास, बौद्धिक सत्र, समूह चर्चा, आपसी विचार-विमर्श का अभ्यास, सायंकाल में संस्कृतिक कार्यक्रम, भजन संध्या और रात्रि कालीन सत्र आदि कार्यक्रम सम्मिलित थे.
उद्घाटन सत्र में विवेकानंद केंद्र के अखिल भारतीय संयुक्त महासचिव ने स्वामी विवेकानंद के जीवन के उदाहरण देते हुये बताया कि किस प्रकार एक सामान्य व्यक्ति असाधारण व्यक्ति बन सकता है. समूह चर्चा के कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ शिरकत की. मध्य प्रांत की प्रांत संगठक कुमारी शीतल जोशी जी ने विवेकानंद केंद्र के कार्य और संगठित होकर कार्य करने की महत्ता पर प्रकाश डाला.
25 जनवरी को सुबह के सत्र में विवेकानंद केंद्र की रेवाड़ी शाखा के विभाग प्रमुख दशरथ चौहान ने विवेकानंद शिला स्मारक की कहानी के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किस प्रकार विवेकानंद शिला स्मारक और विवेकानंद केंद्र के लिये इनके संस्थापक माननीय एकनाथ रानाडे जी ने संघर्ष किया. मंथन सत्र में प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी की. माननीय किशोर जी ने संगठन में संपर्क के महत्व पर प्रशिक्षार्थियों का मार्गदर्शन किया. सायंकालीन सत्र में उन्होंने कार्यकर्ताओं को अनुशासन के महत्व के बारे में समझाया और अनुशासन के व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ बताये. उन्होंने बताया कि किस प्रकार व्यक्तिगत अनुशासन से संगठनात्मक अनुशासन का मेल है. समापन सत्र में हरियाणा और पंजाब प्रांत की संगठक कुमारी अल्का गौरी जोशी जी ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हुये संगठन का कार्य बढ़ाने के लिये प्रेरित किया. समापन सत्र में दिल्ली प्रांत के संगठक ने भी शिविरार्थियों का मार्गदर्शन किया. समापन सत्र केंद्र की प्रार्थना के साथ संपन्न हुआ.
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